पूर्व पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह ने सोमवार को एंटीलिया बम कांड से जुड़े मनसुख हिरेन हत्या मामले में देशमुख द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी। सिंह ने कहा, “यह उनकी कल्पना की उपज है। ऐसा लगता है कि उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। मुझे समझ में नहीं आता कि इतने सालों बाद उन्हें क्या हो गया है, इसका जवाब तो कोई मनोचिकित्सक ही दे सकता है।“
परमबीर सिंह ने आगे कहा, “मेरे ऊपर लगाये गए सब आरोप झूठे हैं जो वे हताशा में लगा रहे हैं। मुझे समझ में नहीं आता कि वे राजनीति क्यों कर रहे हैं। जब अनिल देशमुख राज्य के गृह मंत्री थे और मैंने उन पर आरोप लगाए थे, तब उनके बेटे सलिल देशमुख मार्च-अप्रैल में मुझसे मिले थे। उन्होंने हाथ जोड़कर मुझसे माफ़ी मांगी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि देशमुख साहब (अनिल देशमुख) मुझसे भी माफ़ी मांगेंगे और मुझे डीजीपी बना देंगे, बस मुझे अपने आरोप वापस ले लेने चाहिए।“
उन्होंने कहा, “उसके बाद संजय पांडे ने मुझे अपने दफ़्तर में बुलाया और झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी। मैंने फ़ोन पर हुई बातचीत रिकॉर्ड कर ली थी, जिसे बाद में हमने रिकॉर्ड किया। फिर मैंने सुप्रीम कोर्ट और सीबीआई के सामने रिकॉर्डिंग पेश की। संजय पांडे ने कभी भी मुझे धमकाने से इनकार नहीं किया।”
मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं- परमबीर सिंह
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा, ”इसके बाद अनिल देशमुख और संजय पांडे ने अनिल देशमुख के बंगले पर कई आरोपियों से मुलाकात की. खासकर सोनू जालान और रियाज भाटी के साथ उन्होंने योजना बनाई कि मेरे खिलाफ कैसे एफआईआर दर्ज की जाए… मेरे खिलाफ जो मामले दर्ज किए गए वे झूठे थे, लेकिन मेरे द्वारा लगाए गए आरोप झूठे नहीं थे…मैं नार्को टेस्ट का सामना करने के लिए तैयार हूं लेकिन सलिल देशमुख, अनिल देशमुख और संजय पांडे को भी नार्को टेस्ट का सामना करना चाहिए।” बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान पुलिस अधिकारियों से शहर के बार और रेस्टोरेंट से हर माह 100 करोड़ रुपये वसूलने को कहा था। इन आरोपों के मद्देनजर देशमुख ने 2021 में गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस मामले में वह कई महीने जेल में बंद थे।