महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अक्षय शिंदे की मौत संबंधी घटनाक्रम की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। शव को पोस्टमार्टम के लिए मुंबई के सरकारी जेजे हॉस्पिटल में भेजा गया है।
यह भी पढ़ें
Akshay Shinde Encounter: अक्षय शिंदे के एनकाउंटर पर बदलापुर में खुशी, बांटी मिठाइयां, आज होगा पोस्टमार्टम
एक अधिकारी ने बताया था कि शिंदे को सोमवार शाम को उसकी पूर्व पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए एक अन्य मामले की जांच के सिलसिले में जब पुलिस के एक वाहन में ले जाया जा रहा था तभी उसने पुलिसकर्मियों में से एक की रिवॉल्वर छीन ली और गोली चला दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी गोलीबारी की, जिसमें उसकी मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि शिंदे ने एपीआई मोरे पर गोली चलाई जिसके बाद पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने उस पर गोली चलाई। गोली अक्षय के चेहरे पर लगी। गंभीर हालत में शिंदे को कलवा सिविक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
‘पुलिस ने उसकी हत्या की’
बहरहाल, अक्षय शिंदे के परिवार ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि शिंदे ने पहले पुलिस पर गोली चलाई और फिर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया, यह दावा झूठा है। पुलिस ने हत्या की है। अक्षय शिंदे (24) के परिजनों ने दावा किया कि पुलिस ने यौन शोषण मामले में जुर्म कबूलने के लिए उस पर दबाव बनाया था। उसकी पिटाई की थी। परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस और बदलापुर स्कूल प्रबंधन ने साजिश रचकर अक्षय को मार डाला।
शिंदे की मां अलका शिंदे ने कहा, वह किसी पुलिसकर्मी का हथियार नहीं छीन सकता था। उन्होंने बताया कि वह तनाव में नहीं था। अक्षय की मां ने बताया कि वह उनसे पूछता था कि वह कब रिहा होगा।
अलका शिंदे ने कहा, ‘‘मेरा बेटा पटाखे जलाने और सड़क पार करने से भी डरता था। वह किसी पुलिसकर्मी पर गोली कैसे चला सकता है?’’ वहीँ, अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने कहा कि उनके बेटे की हत्या की जांच की जानी चाहिए।
गौरतलब हो कि अक्षय शिंदे पर ठाणे जिले के बदलापुर शहर में एक स्कूल में दो बच्चियों का यौन शोषण करने का आरोप था। वह स्कूल में कांट्रेक्ट सफाईकर्मी था। कथित तौर पर शिंदे ने पिछले महीने स्कूल के शौचालय में दो नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण किया। घटना के पांच दिन बाद 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।