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महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) को जबरदस्त सफलता मिली है। जबकि सत्तारूढ़ महायुति को तगड़ा झटका लगा है। एमवीए में कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और शिवसेना (UBT) है, वहीँ महायुति में बीजेपी, एनसीपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना है। चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य में कांग्रेस को 13 सीटें मिली है, जो पिछले लोकसभा चुनाव में महज एक थी। जबकि 23 सीटें जीतने वाली बीजेपी इस साल 9 सीटों पर सिमट गई है। इस बार लोकसभा चुनाव में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) को 9, एनसीपी (शरद पवार) को 8, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) को 7, एनसीपी (अजित पवार) को एक और अन्य को एक सीट पर सफलता मिली है। लोकसभा चुनाव के छह महीने बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे. फिलहाल राज्य की जनता विपक्षी खेमे के पक्ष में ज्यादा नजर आ रही है। इसलिए अजित पवार गुट में बेचैनी बढ़ रही है। अजित पवार ने आज अपनी पार्टी के विधायकों की अहम बैठक बुलाई थी। खबर है कि इस बैठक में 5 विधायक अनुपस्थित रहे।
अटकलों का बाजार गर्म
अजित पवार गुट के मंत्रियों की आज अजित पवार के ‘देवगिरी’ बंगले पर बैठक हुई। इसके बाद ट्राइडेंट होटल में सभी विधायकों की बैठक हुई। इस बैठक में 5 विधायक नहीं आये। जानकारी सामने आ रही है कि इन पांचों विधायकों ने पार्टी के वरिष्ठों को अपने कारण बताए हैं। लेकिन राजनीतिक गलियारों में विधायकों की गैरमौजूदगी की जमकर चर्चा हो रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज अजित पवार गुट के विधायकों की बैठक में नरहरि जिरवाल, सुनील टिंगरे, राजेंद्र शिंगणे, अन्ना बनसोडे, धर्मराव बाबा आत्राम बैठक अनुपस्थित रहे। खबर है कि बैठक के दौरान अजित खेमे ने इस बात पर चर्चा कि की जल्द से जल्द महाराष्ट्र कैबिनेट का विस्तार किया जाए। साथ ही लोकसभा चुनाव में हार के कारणों पर भी मंथन किया गया।