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‘शरद पवार की मौत की प्रार्थना कर रहे हैं अजित पवार’, NCP नेता का सनसनीखेज आरोप

Ajit Pawar: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने पिछले साल बगावत का बिगुल फूंका, जिससे एनसीपी दो गुटों में बंट गई।

मुंबईFeb 04, 2024 / 05:48 pm

Dinesh Dubey

अजित पवार का चाचा शरद पवार पर निशाना

Sharad Pawar: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बयान से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। उन्होंने रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार की उम्र का हवाला देते हुए उन पर कटाक्ष किया। अजित दादा ने 83 साल के वरिष्ठ पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके चाचा आगामी चुनावों को आखिरी चुनाव बताकर भावनात्मक अपील कर सकते है। शरद पवार गुट ने उनकी इस टिप्पणी को अमानवीय बताते हुए पलटवार किया है।
एनसीपी (शरद पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने आरोप लगाया है कि अजित दादा शरद पवार की मृत्यु के लिए प्रार्थना कर रहे है। उद्धव ठाकरे की सरकार में मंत्री रहे आव्हाड ने आगे कहा कि डिप्टी सीएम ने अपनी टिप्पणी से सभ्यता की सभी सीमाएं लांघ दी हैं।
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आव्हाड ने कहा, “अजित पवार को अपनी अमानवीय टिप्पणियों के बारे में अवश्य सोचना चाहिए… उन्होंने कथित तौर पर शरद पवार की मौत के लिए प्रार्थना की। महाराष्ट्र अब जान गया है कि अजित पवार किस तरह के आदमी है… महाराष्ट्र के लिए शरद पवार के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।”
पुणे जिले के बारामती में एक जनसभा को संबोधित करते हुए में एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने कहा, ‘‘आपने इतने सालों तक एक वरिष्ठ की बात सुनी। अब मेरी बात सुनें और जिस लोकसभा उम्मीदवार को मैं खड़ा करने जा रहा हूं उसे वोट दें। मैं फिर पीएम मोदी को बता सकता हूं कि लोगों ने मेरे उम्मीदवार को वोट दिया है। यह मत भूलिये कि जब आप मुसीबत में थे तो मदद के लिए कौन आया था।’’
बारामती से विधायक अजित दादा ने यह भी कहा कि “यदि आप अच्छा काम करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए कुछ आलोचना स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए।’’ उन्होंने नाम लिये बिना शरद पवार पर हमला बोला और कहा, ‘‘पता नहीं कुछ लोग कब रुकेंगे। हो सकता है कोई भावुक अपील हो कि ये आखिरी चुनाव होगा। पता नहीं कौन सा आखिरी चुनाव होगा।’’
मालूम हो कि डिप्टी सीएम अजित पवार ने पिछले साल जुलाई में बगावत का बिगुल फूंका और एनसीपी दो धड़ों में विभाजित हो गई। तब पवार पार्टी के आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार ने तब से अपने विद्रोह को लगातार यह कहते हुए सही ठहराया है कि वरिष्ठों को अगली पीढ़ी को बढ़ने के लिए रास्ता देना चाहिए था। बारामती शरद पवार का गढ़ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार 1960 के दशक के बाद से विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कभी हारे नहीं है और वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं।

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