महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, बीजेपी और अजित पवार नीत एनसीपी शामिल हैं। महायुति के सभी दल एनडीए का हिस्सा है।
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पुणे के पिंपरी-चिंचवड शहर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अजित दादा ने कहा कि एनसीपी सहित महायुति के घटक दल स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। अकेले चुनाव लड़ने से कार्यकर्ताओं को मजबूती मिलेगी। जब स्थानीय निकाय चुनाव होंगे, एनसीपी समाज के सभी वर्गों से नए और पुराने चेहरों को मौका देगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि एनसीपी लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव महायुति के साथ लड़ेगी। स्थानीय निकायों में नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत और जिला परिषद शामिल हैं। फ़िलहाल स्थानीय निकाय चुनाव कराने की घोषणा नहीं हुई है।
इससे पहले, 17 जुलाई को अजित पवार गुट से इस्तीफा देने के एक दिन बाद एनसीपी के कई नेता और नगरसेवक शरद पवार खेमे में लौट गए। घर वापसी करने वालों में एनसीपी की पिंपरी-चिंचवड इकाई के पूर्व प्रमुख अजीत गव्हाणे भी थे।
एनसीपी पिछले साल तब विभाजित हो गई जब अजित पवार के नेतृत्व में कुछ एनसीपी विधायक सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे की शिवसेना और बीजेपी की गठबंधन सरकार में शामिल हो गए। तब एनसीपी के 39 विधायक भी अजित दादा के साथ आ गए।
लोकसभा चुनाव 2024 में अजित पवार की एनसीपी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल एक पर जीत मिली, जबकि एनसीपी (शरद पवार) ने दस सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 8 पर जीत हासिल की।
महायुति गठबंधन को महाराष्ट्र की कुल 48 में से 17 सीटों पर ही जीत नसीब हुई, जिसमें बीजेपी को 9 सीटें और शिवसेना को 7 सीटें मिलीं। लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन काफी खराब रहा। महाराष्ट्र में बीजेपी ने 2019 में 23 लोकसभा सीटें जीती थीं, जो इस बार सिर्फ 9 पर सिमट गईं।