महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की अगुवाई वाले खेमे के नेता प्रफुल्ल पटेल ने (Praful Patel) दावा किया है कि एनसीपी पार्टी के साथ-साथ उसका सिंबल अजित गुट को मिलेगा। पटेल ने कहा कि अजित पवार को 30 सितंबर तक पार्टी और उसका सिंबल दोनों मिल जाएगा। बीड में आयोजित एक सभा में बोलते हुए राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने ये बातें कहीं। जिसके चलते राजनीतिक गलियारों में एनसीपी के भविष्य को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
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शरद पवार की सभा के बाद अजित पवार गुट ने भी रविवार (27 अगस्त) को बीड में एक सभा कर अपना दमखम दिखाया। इस बैठक में एनसीपी (अजित पवार गुट) के कई अहम नेता मौजूद थे। तो वहीं कुछ नेताओं ने अपने भाषणों के जरिए सीधे तौर पर एनसीपी में बगावत पर टिप्पणी की। इस दौरान कभी शरद पवार के बेहद करीब रहे प्रफुल्ल पटेल ने भी अपनी राय रखी। प्रफुल्ल पटेल ने कहा, “लोगों को संदेह है कि राष्ट्रवादी पार्टी असल में किसके पास रहेगी. इसलिए मैं सभी से आग्रहपूर्वक बताना चाहता हूं कि चुनाव आयोग 30 सितंबर तक राष्ट्रवादी पार्टी के बारे में फैसला सुना देगा। जिसके नतीजे सौ फीसदी अजित दादा के पक्ष में होंगे। साथ ही, पार्टी का चुनाव चिन्ह और नाम भी अजित पवार के पास ही रहेगा। बहुत सारी गलतफहमी फैलाई जा रही है। कई लोग अपना पक्ष रख रहे हैं। लेकिन हमने सोच-समझकर यह फैसला लिया है।”
उन्होंने आगे कहा, “सरकार में शामिल होने का निर्णय एनसीपी पार्टी के रूप में हम सब ने और अजित पवार ने मिलकर लिया है। कुछ लोग कहते हैं कि पार्टी में कोई विभाजन नहीं है। यही हम भी कहते हैं कि पार्टी में कोई फूट नहीं है। क्योकि सत्ता पक्ष के साथ जाने का निर्णय है अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी ने ही लिया है। इसलिए हम सभी को इस फैसले का समर्थन करना चाहिए। राजनीति में कई घटनाएं घटती रहती हैं। ऐसी कई चीजें होती रहती हैं। इसलिए कभी-कभी जीवन में महत्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ते हैं। इसलिए हमने यह फैसला लोकतांत्रिक तरीके से लिया है।“
मालूम हो कि 2 जुलाई को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने आठ अन्य विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ले ली और पार्टी के नाम एवं इसके चुनाव निशान घड़ी पर अपना दावा पेश कर दिया। अजित पवार महाराष्ट्र सरकार में अभी उप-मुख्यमंत्री हैं।