मुंबई

दिल्ली चुनाव में AAP या कांग्रेस? किसके साथ उद्धव की शिवसेना, 24 घंटे में लिया यू टर्न

Delhi Election : दिल्ली में कांग्रेस और आप अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। इसलिए इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों में असमंजस की स्थिति बन गई है।

मुंबईJan 09, 2025 / 01:00 pm

Dinesh Dubey

दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला है। हालांकि आप और कांग्रेस इंडिया गठबंधन में साथ होने के बावजूद अपने दम पर चुनाव लड़ रहे है। लेकिन कांग्रेस और आप के स्वतंत्र लड़ने के रुख ने इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों को असमंजस में डाल दिया है। इसी तरह दिल्ली में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) इस बात को लेकर धर्मसंकट में है कि किसे समर्थन दिया जाए।
बुधवार को उद्धव गुट के सांसद अनिल देसाई ने कहा कि शिवसेना (UBT) ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप को समर्थन देने का फैसला लिया है। वहीँ, आज पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने दावा किया कि समर्थन देने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
यह भी पढ़ें

Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे की वजह से राज ठाकरे का बिगड़ा चुनावी गणित, महायुति में नहीं मिली एंट्री!

अनिल देसाई ने कहा था कि उद्धव ठाकरे ने दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी का समर्थन किया है। क्योंकि आप ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र में हमारी पार्टी का समर्थन किया था। शिवसेना (UBT) नेता ने कहा कि दिल्ली में वोटों का बंटवारा नहीं होना चाहिए। इसके लिए दोनों को समन्वय बनाए रखना चाहिए।  

संजय राउत ने क्या कहा?

उधर, संजय राउत ने आज सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली चुनाव में किसे समर्थन करना है, इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। कांग्रेस देश की सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन आप दिल्ली की सबसे बड़ी पार्टी है। अरविंद केजरीवाल के पास ज्यादा ताकत है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी बड़े अंतर से चुनाव जीत सकती है। लेकिन हमें दुख है कि कांग्रेस-आप इंडिया गठबंधन में होते हुए भी अलग-अलग लड़ रहे हैं। एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ना अलग बात है, लेकिन केजरीवाल पर आरोप लगाना ठीक नहीं है। दोनों दल अगर मिलकर लड़ते तो खुशी होती। लेकिन हमने अभी तक यह तय नहीं किया है कि दिल्ली में किसे समर्थन देना है, हम दुविधा में हैं। महाराष्ट्र में कांग्रेस हमारी मित्र है, लेकिन आप भी हमारी सहयोगी है। दोनों दोस्त हैं. दोनों पार्टियों को प्रचार में संतुलन बनाए रखना चाहिए। समर्थन पर फैसला उद्धव ठाकरे लेंगे।
संजय राउत ने कहा, अगर कांग्रेस-आप मिलकर लड़ते तो बीजेपी के सामने मुश्किलें बढ़ जातीं। आखिरकार, हमारी राजनीतिक दुश्मन कांग्रेस-आप नहीं बल्कि बीजेपी है।

यह भी पढ़ें

मालेगांव में बांग्लादेशी घुसपैठियों ने कैसे बनवाएं फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट? SIT जांच के आदेश

Hindi News / Mumbai / दिल्ली चुनाव में AAP या कांग्रेस? किसके साथ उद्धव की शिवसेना, 24 घंटे में लिया यू टर्न

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.