मिली जानकारी के मुताबिक, वर्ली (Worli) से शिवसेना (यूबीटी) की पार्षद रही मानसी दलवी (Mansi Dalvi) ने सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेबांची शिवसेना में शामिल हो गईं। पिछले हफ्ते यहां से पूर्व पार्षद संतोष खरात (Santosh Kharat) ने भी शिंदे गुट का दामन थामा था।
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खरात भी वर्ली से पार्षद थे, जहां से शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे विधायक हैं। बीएमसी चुनावों (BMC Election) से पहले दलवी और खरात का खेमा बदलना उद्धव गुट के लिए बड़ा झटका समझा जा रहा है। आदित्य ठाकरे ने कहा था, “मैंने असंवैधानिक मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) को चुनौती दी है कि मैं वर्ली से विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा और वो भी इस्तीफ़ा दे और मेरे खिलाफ चुनाव लड़ें। देखते हैं कि आप वर्ली से कैसे जीतते हैं। मैं उन 13 दलबदलू सांसदों और 40 विधायकों को भी चुनौती दे रहा हूं कि वे इस्तीफा दें और फिर से चुनाव लड़ें और देखें की वह जीतते हैं या नहीं।”
बता दें कि उद्धव ठाकरे के उत्तराधिकारी आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। विधानसभा चुनाव में शिंदे ठाणे जिले से निर्वाचित हुए है, जो उनका गढ़ माना जाता है।
गौरतलब हो की एकनाथ शिंदे ने पिछले साल तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी जिसके बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई। इसके बाद पिछले साल जून में शिंदे की सरकार बनी। उनकी सरकार में बालासाहेबबांची शिवसेना और बीजेपी शामिल है।