फिलहाल तीन राज्यों को जोड़ने वाले यवतमाल- अमरावती हाईवे को मौत का रास्ता के नाम से भी पुकारा जाने लगा है। उत्तर और दक्षिण कॉरिडोर को जोड़ने के उद्देश्य से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश राज्य की सीमा पर अमरावती जिले में धामणी तहसील के भोकरबारड़ी गाँव से हरिसाल, सिमाडोह, परतवाड़ा, अमरावती, नेर, बडनेरा, नांदगांव खंडेश्वर, यवतमाल, उमरी से लेकर पांडवकवधा तहसील के करंजी तक यह नेशनल हाईवे प्रस्तावित था।
हालांकि, राजनीतिक उदासीनता के चलते अभी तक यह पूरा नहीं हो पाया है। सड़क पर होने वाली रोज-रोज की परेशानियों से तंग आकर दोनों जिलों के 34 स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 8000 छात्र-छात्रों ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर के सावरकर नगर स्थित उनके ऑफिस के पते पर यह चिठ्ठी भेजी हैं। जिसमें इन स्टूडेंट्स ने अपनी तकलीफ का जिक्र किया है।
बता दें कि इस रास्ते पर सड़क दुर्घटना में कई छात्रों ने जान चली गई है। इन छात्रों ने नितिन गडकरी से पूछा है कि कहीं अगला नंबर हमारा तो नहीं हैं। इन छात्रों के मन में केवल यही बात है कि जो मंत्री देश के हाईवे की शक्ल सुधार सकता है। वह हमारी भी परेशानियों को चुटकी में दूर कर सकता है। इसके लिए इन छात्रों ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है। बच्चों को इस मुहीम में जोड़ने के लिए स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने काफी कोशिश की है।