पहले चरण के तहत महाराष्ट्र के नागपुर, रामटेक (अनुसूचित जाति), भंडारा-गोंदिया, चंद्रपुर और नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली-चिमूर (अनुसूचित जनजाति) निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान हुआ। इन सीट पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित कुल 97 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इन पांच निर्वाचन क्षेत्रों में 95,54,667 मतदाता है, जबकि 10,652 मतदान केंद्र बनाये गए थे।
4 जून को होगा फैसला
महाराष्ट्र की पांच लोकसभा सीटों पर पांच बजे तक 54.85 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था। इन सीटों की मतगणना चार जून को होगी। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर आज सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ था। इन 102 सीटों पर 60 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया।
कहां किसके साथ भिड़ंत?
नागपुर में बीजेपी उम्मीदवार नितिन गडकरी और कांग्रेस प्रत्याशी विकास ठाकरे के बीच सीधा मुकाबला है। नागपुर में आरएसएस का मुख्यालय है। इस हाई-प्रोफाइल सीट पर पूर्व मेयर विकास ठाकरे के अलावा योगेश लांजेवार (बसपा) भी हैं, इसके अलावा 13 गैर-मान्यता प्राप्त और 10 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं। वहीँ, रामटेक निर्वाचन क्षेत्र में राजू परवे (शिवसेना-शिंदे गुट), श्यामकुमार बर्वे (कांग्रेस) और संदीप मेश्राम (बसपा) शामिल हैं, हालांकि गैर-मान्यता प्राप्त दलों से 13 और 12 निर्दलीय हैं। रामटेक में कांग्रेस ने रश्मि बर्वे को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उनका जाति प्रमाणपत्र अवैध घोषित कर दिया गया था। अब उनके पति श्यामकुमार बर्वे चुनावी मैदान में हैं।
भंडारा-गोंदिया निर्वाचन क्षेत्र में 18 उम्मीदवारों में सुनील मेंढे (बीजेपी), प्रशांत पडोले (कांग्रेस) और संजय कुंभलकर (बसपा) मान्यता प्राप्त दलों से हैं, जबकि 4 गैर-मान्यता प्राप्त और 11 निर्दलीय हैं। इसके अलावा, अशोक नेते (बीजेपी), करसन नामदेव (कांग्रेस) और योगेश होन्नाडे (बसपा) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा, हालांकि 4 अन्य उम्मीदवार और 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी भंडारा-गोंदिया से लड़ रहे हैं।
चंद्रपुर में 15 उम्मीदवारों में से प्रतिभा धानोरकर (कांग्रेस), सुधीर मुनगंटीवार (बीजेपी) और राजेंद्र रामटेके मुख्य दलों से हैं, जबकि 9 गैर मान्यता प्राप्त और 3 निर्दलीय प्रत्याशी भी हैं। गढ़चिरौली-चिमूर निर्वाचन क्षेत्र में यह चौथा लोकसभा चुनाव है। गढ़चिरौली-चिमूर (एसटी) सीट पर 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था। तब तीन बार के पूर्व विधायक और राज्य सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस के मारोत्राव कावासे भारी अंतर से चुने गए थे। लेकिन 2014 में मोदी लहर ने सब कुछ बदल दिया। कावासे को बीजेपी के अशोक नेते ने हरा दिया। नेते ने 2019 में भी आसानी से यह उपलब्धि दोहराई और अब तीसरी बार जीत का लक्ष्य लेकर चुनावी अखाड़े में उतरे हैं।
इस बार गढ़चिरौली में बीजेपी सांसद अशोक नेते का मुकाबला महाविकास अघाड़ी-इंडिया ब्लॉक के कांग्रेस उम्मीदवार नामदेव क्रिसन और प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के हितेश मडावी के अलावा अखिल भारतीय भीम सेना (एबीबीएस) से है।