पांच लाख की सहायता का है प्रावधान
विदित हो कि म्हाडा प्राधिकरण ने 8 मई 2014 को जर्जर इमारतों के लिए अन्वय 6657 के अनुसार प्रस्ताव को मान्य कर अपघात बीमा योजना के में तहत दुर्घटनाग्रस्तों के लिए 10 करोड़ की निधि फंड में रखी थी। इसके तहत म्हाडा की कोई भी इमारत और चॉल दुर्घटनाग्रस्त होने पर अधिक गंभीर जख्मी को एक लाख रुपए तो वहीं जख्मी को 50 हजार रुपए, जबकि मृतक के वारिसदार को पांच लाख रुपए की राशि मुकर्रर की गई थी। साथ ही इस मामले को लेकर बाकायदा शासनादेश भी जारी किया जा चुका है। इसके बावजूद 2014 से 2018 तक पांच वर्षों में अभी तक किसी भी दुर्घटनाग्रस्त रहिवासी को इस योजना का लाभ नहीं पहुंचाया जा सका है।
प्राधिकरण बैठक मेंं लेंगे निर्णय
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बैठक में विस्तार से चर्चा की जाएगी और विभिन्न दुर्घटनाओं में घायल व मृतकों को ध्यान में रखते हुए उन्हें मदद के तौर पर उचित धनराशि दी जाएगी।
विनोद घोसालकर, प्रेसिडेंट, रिपेयर बोर्ड
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बैठक में विस्तार से चर्चा की जाएगी और विभिन्न दुर्घटनाओं में घायल व मृतकों को ध्यान में रखते हुए उन्हें मदद के तौर पर उचित धनराशि दी जाएगी।
विनोद घोसालकर, प्रेसिडेंट, रिपेयर बोर्ड