href="https://www.patrika.com/mumbai-news/maharashtra-278-covid-19-patient-s-in-mumbai-5964624/" target="_blank" rel="noopener">कोरोना का कहर: आर्थिक राजधानी में कोरोना के 278 मरीज, महामारी से मुंबई में 18 लोगों की मौत
एक दिन में 25 लोग मिले पॉजिटिव…
महानगर में कोरोना के सबसे ज्याादा 68 मरीज जी दक्षिण वार्ड (वर्ली-प्रभादेवी) में हैं। लेकिन इसी से सटे ई वार्ड में एक दिन में 25 नए मामले सामने आए, जो बीएमसी की चिंता बढ़ाने वाले हैं। भायखला-चिंचपोकली को समेटे वार्ड में कोरोना मरीजों की सं या 44 तक पहुंच गई है। बीएमसी ने वर्ली, प्रभादेवी, भायखला, चिंचपोकली जैसे इलाकों को कोरोना वायरस के लिए हॉट स्पॉट घोषित किया है। पिछले दिनों चेंबूर-देवनार जैसे इलाकों में संक्रमण के मामले ज्यादा थे। इस सप्ताह जी दक्षिण विभाग के लोअर परेल, वर्ली, कोलीवाडा, जनता नगर, जीजामाता नगर, पुलिस कॉलोनी, आदर्श नगर, प्रभादेवी रेलवे स्टेशन आदि इलाकों में रविवार तक 68 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। विले पार्ले से जोगेश्वरी पश्चिम तक फैले के वेस्ट वार्ड में 12 कोरोना मरीज हैं जबकि के ईस्ट में 26 लोग संक्रमित हैं। डी वार्ड के मलबार हिल, मुंबई सेंट्रल, ग्रांट रोड जैसे इलाकों में 34 मरीज हैं।
महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों की संख्या 203 तक पहुंची, अब तक राज्य में आठ लोगों की मौत
संपर्क में आने से फैला संक्रमण…
मामले की गंभीरता के मद्देनजर इन अस्पतालों में आवाजाही जहां प्रतिबंधित कर दी गई, वहीं इनके संपर्क में आए लोगों को भी क्वॉरेंनटाइन किया जा रहा है। बता दें कि 27 मार्च को वॉकहार्ट अस्पताल में एक 70 वर्षीय एक बुजुर्ग को एडमिट किया गया, जिसकी एंजियोप्लास्टी होनी थी। वहीं इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई और बाद में उसका कोरोना टेस्ट भी सकारात्मक निकला। जबकि उसके संपर्क में आने वाला स्टाफ भी पॉजिटिव पाया गया। वहीं वॉकहार्ट में काम कर रहे धारावी निवासी एक सर्जन में भी कोरोना की पुष्टि होने के बाद अस्पताल के सभी स्टाफ का चेकअप किया गया, जिसमें 26 नर्स और 3 डॉक्टर कोरोना से संक्रमित पाए गए।
सभी अस्पतालों में अनिवार्य हो पीपीई : डॉ. भारमल…
इसके विपरीत विशेषज्ञों का मानना है कि निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का सभी अस्पतालों की ओर से प्रत्येक मरीज के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए, क्योंकि पहले से किसी को पता नहीं होता कि सामने वाले मरीज में भी कोरोना पॉजिटिव हो सकता है। नायर हॉस्पिटल के डीन रमेश भारमल ने पत्रिका से विशेष बातचीत में बताया कि हमारे अस्पताल में हमने सभी रोगियों को वायरस के लिए संदिग्ध रोगियों के रूप में मानना शुरू कर दिया है। पीपीई का उचित उपयोग चिकित्सा कर्मचारियों को बचाने में कारगर है, जबकि दूसरी ओर तेजी से बढ रहे इसके उपयोग के चलते आगे चलतकर इसकी कमी भी होने वाली है, जिसे नकारा भी नहीं जा सकता।
कुछ कर्मचारियों ने लगाया आरोप…
वहीं दूसरी ओर अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि संक्रमण इसलिए तेजी से फैल रहा है, क्योंकि प्रबंधन ने नर्सों के सहयोगियों और रूम मेट्स को अलग नहीं किया और वे साथ में ही रह रहे थे। यूनाइटेड नर्सेस एसोसिएशन ने कहा कि लक्षणों के उभरने तक किसी भी नर्स का टेस्ट नहीं किया गया था। साथ ही उन्हें कोविद-19 रोगियों के संदिग्ध होने के बावजूद पीपीई किट नहीं दिए गए। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। वहीं अस्पताल सील होने के बाद भी कैंटीन चालू रहेगी और रोजाना की तरह स्टाफ और मरीजों को खाना दिया जाएगा। जबकि कैंटीन में निगरानी के लिए दो कॉन्सटेबल और एक अफसर तैनात रहेंगे।
खतरनाक कोरोना वायरस पहुंचा भारत, मुंबई में दो मरीज हॉस्पिटल में एडमिट
बेहद दुखद, बरतें सावधानी…
ये बहुत दुखद है कि कोरोना के इतने मामले मेडिकल सेवा में लगे लोगों में मिले हैं। सभी को सावधानी बरतनी चाहि। वहीं एग्जिक्यूटिव हेल्थ ऑफिसर की अगुवाई में एक टीम बनाई गई है, जो इस मामले की जांच करेगी कि नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों में कोरोना वायरस का संक्रमण कैसे हुआ। इसके साथ ही वॉकहार्ड अस्पताल से 270 लोगों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए हैं।
– सुरेश काकनी, अतिरिक्त नगर आयुक्त, बीएमसी