शूटरों ने कबूला लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कनेक्शन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार हुए 2 शूटरों ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा बताया है। फ़िलहाल गैंग ने इस हत्याकांड की ज़िम्मेदारी नहीं ली है। एक अधिकारी ने बताया कि पहला शूटर 23 वर्षीय करनैल सिंह (गुरमैल बलजीत सिंह) हरियाणा का रहने वाला है और दूसरा शूटर 19 साल का धर्मराज कश्यप उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। यह भी पढ़ें-‘मुस्लिम विरोधी नहीं है NDA सरकार’, मदरसा शिक्षकों का वेतन दोगुना से ज्यादा बढ़ाया शुरुआती जांच में पता चला कि 66 वर्षीय एनसीपी नेता की हत्या के लिए तीन शूटर ऑटो रिक्शा से कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी के दफ्तर के बाहर आए थे और बाबा सिद्दीकी के निकलने का इंतज़ार कर रहे थे। जैसे ही वह बाहर निकले उन्हें गोली मारी। आरोपी पिछले 25-30 दिन से इलाके की रेकी कर रहे थे। वह पिछले महीने से मुंबई के कुर्ला इलाके में किराये के घर में रह रहे थे।
पंजाब की जेल में बना प्लान!
पकड़े गए शूटरों ने पूछताछ में कई राज उगले हैं। जानकारी के मुताबिक, आरोपियों ने क्राइम ब्रांच को बताया है कि वो जब पंजाब की एक जेल में बंद थे तो बिश्नोई गैंग के एक मेंबर से उनकी मुलाकात हुई। जो पहले से उसी जेल में बंद था। उसके संपर्क में आने के बाद ही तीनों आरोपी बिश्नोई गैंग में शामिल हो गए। इसके बाद बाबा सिद्दीकी को मारने के लिए आरोपियों को ढाई से तीन लाख रुपये की सुपारी मिली।बाबा सिद्दीकी को मिली थी धमकी
यह वारदात शनिवार रात करीब साढ़े नौ बजे बांद्रा पश्चिम के निर्मल नगर इलाके में कोलगेट मैदान के पास हुई। बाबा सिद्दीकी जब अपने बेटे व विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर थे तो उन पर गोलीबारी की गई। शूटरों ने छह गोलियां चलायी, जिनमें से दो उनके सीने में लगी। उन्हें तुरंत नजदीकी लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। एनसीपी नेता को 15 दिन पहले ही जान से मारने की धमकी मिलने के बाद वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी।कौन है बाबा सिद्दीकी?
बाबा सिद्दीकी की हत्या से सनसनी फ़ैल गई है। इसी साल 8 फरवरी को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और फिर अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हो गए। बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी अभी कांग्रेस के विधायक है। सिद्दीकी मुंबई के बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रहे हैं। वह पहली बार 1999 में महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद उन्हें 2004 और 2009 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल हुई। वह 2004 से 2008 तक कांग्रेस-एनसीपी की गठबंधन सरकार में राज्य मंत्री के पद पर रहे थे। विधायक बनने से पहले वह दो बार पार्षद चुने गए थे। बाबा सिद्दीकी पहली बार 1992 में मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के पार्षद चुने गए। 1997 के बीएमसी चुनाव में भी उन्हें सफलता मिली।