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महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल में मौत का तांडव जारी, 48 घंटे में 31 मरीजों ने तोड़ा दम, मृतकों में 16 नवजात

Maharashtra Government Hospital Death: अस्पताल प्रशासन ने कहा, नांदेड के सरकारी अस्पताल में हर दिन औसतन 16 मरीजों की मौत हो रही है।

मुंबईOct 03, 2023 / 11:35 am

Dinesh Dubey

नांदेड के सरकारी अस्पताल में 31 मरीजों की मौत

Shankarrao Chavan Government Hospital Nanded: महाराष्ट्र के नांदेड जिले में स्थित बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों की मौत का सिलसिला जारी है। जिले के विष्णुपुरी में स्थित डॉ. शंकरराव चव्हाण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बीते कुछ घंटों में सात और मरीजों की जान गयी है। इससे पहले 24 घंटे की अवधि में 24 मरीजों ने दम तोड़ा था, जिसमें 12 नवजात बच्चे भी शामिल थे। इसके बाद अब सोमवार की रात में चार और नवजात समेत सात मरीजों की मौत हो गयी है। सभी मृतकों की हालत गंभीर थी। इसके साथ ही शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में पिछले 48 घंटों में मरने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है।
महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र के दूसरे प्रमुख सरकारी अस्पताल में इतनी बड़ी संख्या में मरीजों की मौत पर सवाल उठ रहे है। शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में 30 सितंबर की रात 12 बजे से 1 अक्टूबर की रात 12 बजे तक 24 मरीजों की मौत हो गयी। इसमें डेढ़ से तीन दिन के नवजात भी शामिल हैं, जिनकी हालत गंभीर थी। इसके साथ ही सर्पदंश, जहर खाने व अन्य बीमारियों से पीड़ित 12 मरीजों की मौत हुई।
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इस बीच, अस्पताल में सात और मरीजों की मौत हो गई है। बताया गया है कि इनमें चार नवजात बच्चे भी शामिल हैं। पिछले 48 घंटे में सात मरीजों की मौत के बाद मृतकों का आंकड़ा 31 पहुंच गया है। इसमें 16 नवजात शामिल हैं।

38 नवजात गंभीर

फिलहाल नांदेड के सरकारी अस्पताल में 138 नवजात शिशुओं का इलाज चल रहा है। इनमें 38 नवजात शिशुओं की हालत गंभीर है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि 25 अन्य मरीजों की हालत बेहद गंभीर है।
सरकारी अस्पताल में मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़ने से हड़कंप मच गया है. परिजनों का आरोप है कि स्वास्थ्य व्यवस्था की ढिलाई के कारण मरीजों की मौत हो रही है। जबकि दवाओं की कमी के भी आरोप लगाये जा रहे है।

अस्पताल प्रशासन ने क्या कहा?

नांदेड का शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल मराठवाडा का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल है। अस्पताल के डीन एसआर वाकोडे (Dr Shyamrao Wakode) ने बताया कि हमारे यहां इलाज के लिए यवतमाल, नांदेड, परभणी, हिंगोली, लातूर और तेलंगाना राज्यों से गंभीर हालत में मरीज आते हैं। कई मरीजों को उनके परिजन अंतिम समय में यहां लेकर यहां आते हैं। हम उनका इलाज करने का हर संभव प्रयास करते हैं। जो भी मौतें हुई है वह अस्पताल में हुए किसी हादसे (जैसे इन्फेक्शन) में नहीं हुई। अस्पताल में गंभीर मरीजों के लिए दवाओं की भी कोई कमी नहीं है।

हर दिन औसतन 16 मरीजों की मौत

अस्पताल के डीन वाकोडे ने बताया कि आज नवजात समेत कुल 66 मरीजों की हालत गंभीर है। इन मरीजों को बचाने के लिए सारे प्रयास जारी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नांदेड के सरकारी अस्पताल में हर दिन औसतन 16 मरीजों की मौत हो रही है। अस्पताल में इलाज देने में कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है।

सरकार देगी जांच के आदेश?

यह मामला सामने आने के बाद पूरे राज्य में खलबली मच गई। वहीँ, अस्पताल प्रशासन बेखबर नजर आ रहा है। इस बीच, महाराष्ट्र कैबिनेट आज बैठक में नांदेड अस्पताल में हुई मौतों पर चर्चा करेगी। कैबिनेट इस घटना को लेकर जांच समिति बनाने पर फैसला कर सकती है। महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

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