इस फिल्म की कहानी एक फोटोग्राफर की है जो मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया में लोगों की तस्वीर खींचकर पैसे कमाता है। वो सबको ये कहता है कि आपके चेहरे पर ये धूप दोबारा ऐसे नहीं पड़ेगी दोबारा ये हवाएं इस तरह आपके बाल नहीं उड़ाएंगी, ये सब एक तस्वीर में कैद कर लीजिए। ऐसे ही एक दिन एक यंग लड़की मिलोनी (सान्या मल्होत्रा) को तस्वीर खिंचवाने के लिए राजी करता है। इस दौरान मिलोनी इस फोटोग्राफर से काफी इंप्रेस हो जाती हैं। और दोनों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है।
इसके बाद रफीक, मिलोनी को अपनी दादी से अपनी मंगेतर के तौर पर मिलवाता है। अलग धर्म, अलग रंग, रूप और अलग पढ़ाई होने के बाद दोनों को ये अहसास होने लगता है कि दोनों में बहुत कुछ एक जैसा है। दोनों का नेचर और इमोशन छिपाने का तरीका भी एक जैसा है। इसी तरह दोनों के बीच की अंडरस्टेंडिंग को दिखाती है फिल्म फोटोग्राफ।
पत्रिका रिव्यू
फिल्म की कहानी काफी लंबी है।
सान्या और नवाज की एक्टिंग ने दिल जीता।
फिल्म की सिनेमेटोग्राफी थोड़ी कच्ची साबित हुई।
निर्देशक ने फिल्म का क्लाइमैक्स भी ओपन रखा है जिसे आप अपने हिसाब से गढ़ सकते हैं।
कुल मिलाकर दर्शकों के लिए फिल्म समझना जरा मुश्किल है। पत्रिका एंटरटेंमेंट की तरफ से इस फिल्म को 5 में से 2 स्टार्स दिए जाते हैं। हालांकि फिल्म दर्शकों को कितनी पसंद आई ये आने वाले वक्त में ही पता चलेगा।