गेम ओवर की कहानी एक 27 साल की अकेली रहने वाली कामकाजी शहरी लड़की की जिंदगी से शुरु होती है जिसका कत्ल कर दिया जाता है और फिर उसके सिर को काटकर फुटबॉल की तरह उछाल दिया जाता है। कातिल इतने पर ही नहीं रुकता और उसके धड़ को आग की लपटों के हवाले कर देता है। इसके बाद तापसी ( सपना) की कहानी शुरु होती है। वह अपनी हाउस मेड कलाअम्मा (विनोदिनी) के साथ अकेली रहती हैं।
सपना एक मानसिक बीमारी से जूझ रही होती हैं। जिस वजह से अतीत में उनके साथ हुए हादसे की तारीख पास आने पर उसका दम घुटने लगता है और उन्हें जबरदस्त पैनिक अटैक आते हैं। कहानी में एक भयानक मोड़ तब आता है जब सपना को पता चलता है कि उन्होंने जो अपने हाथ पर टैटू बनाया है वो कोई आम टैटू नहीं बल्कि मेमोरियल टैटू है। इस टैटू की स्याही में किसी मरे हुए की अस्थियों की राख मिलाई जाती है। ये टैटू लोग अपने करीबी को हमेशा अपने पास रखने के लिए बनवाते हैं।
इसके बाद तापसी को फिर पता चलता है कि उनके टैटू में जिसकी राख है वो उसी 27 साल की लड़की की राख है जिसका मर्डर कर दिया जाता है। अब इसके बाद क्या होता है यह तो आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा।
पत्रिका व्यू
फिल्म में तापसी और विनोदिनी ने काफी अच्छी एक्टिंग की है।
फिल्म का हर सीन सस्पेंस और डर से भरा है।
कुछ सीन्स ऐसे आते हैं जहां आपको थोड़ा कन्फ्यूजन होगा कि ये कैसे हो गया।
निर्देशक अश्विन सरवनन ने काफी अच्छा डायरेक्शन किया है।
कुल मिलाकर पत्रिका एंटरटेंमेंट इस फिल्म को 5 में से 3 स्टार्स देना चाहेगा। अगर आपको थ्रिलर और डरावनी फिल्मों का शौक है, तो यह मूवी देखने लायक है। हालांकि अब देखना होगा की बॅाक्स ऑफिस पर यह फिल्म क्या कमाल दिखाती है।