देश का चर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर करीब 11 साल पहले दिल्ली स्थित जामिया नगर के बटला हाउस नामक जगह पर हुआ था। यह एनकाउंटर काफी चर्चा में रहा था। 19 सितंबर 2008 को हुए इस एनकाउंटर में दो संदिग्ध आतंकवादी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद पुलिस के हाथों मारे गए थे। वहीं, एक संदिग्ध भागने में कामयाब हो गया थे। वहीं इस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस स्पेशल के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शहीद हो गए थे। 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में हुए सीरियल बम धमाकों की जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के अफसर के के (रवि किशन) और संजीव कुमार यादव (जॉन अब्राहम) अपनी टीम के साथ बाटला हाउस एल-18 नंबर की इमारत की तीसरी मंजिल पर पहुंचते हैं। वहां पर पुलिस की इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकियों से मुठभेड़ होती है। इस मुठभेड़ में दो संदिग्धों की मौत हो जाती है और एक पुलिस अफसर के घायल होने के साथ-साथ के के की मौत। एक संदिग्ध मौके से भाग निकलता है। इस एनकाउंटर के बाद देश भर में राजनीति और आरोप-प्रत्यारोपों का माहौल गरमा जाता है। इसके बाद संजीव कुमार टीम पर फर्जी एनकाउंटर करने के गंभीर आरोप लगते है। संजीव कुमार को बाहरी राजनीतिक दबाव के साथ ही डिपार्टमेंट की अंदरूनी चालों का भी सामना करना पड़ता है। उसकी पत्नी नंदिता कुमार (मृणाल ठाकुर) उसका साथ देती है।
निर्देशक निखिल अडवानी निर्देशित यह फिल्म कई कई पड़ाव में आगे बढ़ती है। इस विवादित एनकाउंटर के बाद जिस तरह के दृष्टिकोण सामने आए निर्देशक ने उसे बखूबी से पेश किया है। फिल्म में कई बेहतरीन डायलॉग्स है। पुलिस अफसर संजीव कुमार यादव के रूप में जॉन अब्राहम की एक्टिंग को अब तक की उनकी बेस्ट परफॉर्मेंस बताया जा रहा है। वहीं फिल्म के गाने भी लोगों को पसंद आ रहे हैं।