दरअसल, ग्वालियर से दिल्ली सड़क मार्ग से जाते समय केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के लिए मुरैना जिला अस्पताल में प्रशासन ने आइसीयू में भर्ती मरीज को बाहर निकालकर गैलरी में लिटा दिया। शनिवार दोपहर एमएसएमई मंत्री मांझी की रास्ते में अचानक तबियत खराब मेहसूस होने लगी। इसपर, प्रशासन ने जिला अस्पताल में उनके भर्ती होने की संभावना पर प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए पहले से आइसीयू में भर्ती मरीज को बाहर गैलरी के पलंग में लिटा दिया। लेकिन, जब वो मुरैना से निकल गए और मरीज के परिजन ने नाराजगी जाहिर की तो अस्पताल द्वारा बुजुर्ग को वापस आइसीयू में भर्ती किया गया।
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सांस की बीमारी से पीडि़त हैं बुजुर्ग
सांस की बीमारी के चलते 85 साल के साधू सिंह तोमर सिहोनियां के रहने वाले हैं। दो दिन पहले सांस लेने में हो रही खासा दिक्कत के चलते उन्हें आइसीयू में शिफ्ट किया गया था। बेड की जरूरत को देख उनकी जान से खिलवाड़ कर उन्हें आइसीयू से बाहर कर दिया गया।क्या कहते हैं जिम्मेदार?
मामले को लेकर अपर कलेक्टर सीबी प्रसाद ने बताया कि, अस्पताल के आइसीयू वार्ड में भर्ती मरीज साधू सिंह तोमर को बाहर गैलरी में रख दिया गया। वो आइसीयू में थे, लेकिन प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, उनकी स्थिति गंभीर नहीं थी। केंद्रीय मंत्री के बारे में संदेश आने पर दूसरे मरीज को आईसीयू से थोड़ी देर के लिए हटाया गया था। लेकिन अब बड़ा सवाल ये है कि अगर मरीज की हालत गंभीर नहीं थी तो फिर वो आईसीयू में भर्ती कैसे था? यह भी पढ़ें- Shri Krishna Gaman Path: मथुरा से चलकर कोटा के रास्ते उज्जैन आए थे भगवान श्रीकृष्ण, देखें गमन पथ के चुनिंदा स्थान