मोरेना

गांधीवादी डा. सुब्बाराव का निधन, चंबल घाटी के 672 डकैतों का कराया था सरेंडर

गांधीवादी विचारक सुब्बाराव का जौरा में होगा अंतिम संस्कार चंबल घाटी को कराया था डकैतों से मुक्त

मोरेनाOct 27, 2021 / 11:56 am

Hitendra Sharma

मुरैना। चंबल की धाटी को डकैतों के आतंक से मुक्त कराने वाले गांधीवादी विचारक डॉ एस एन सुब्बा राव का निधन हो गया। डॉ एस एन सुब्बा ने जयपुर के एसएमएस अस्पताल में अल सुबह अंतिम सांस ली। आज शाम को उनकी पार्थिव देह जयपुर से मुरैना लाई जाएगी। गुरुवार को गांधी आश्रम जौरा में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

डॉ एस एन सुब्बा राव ने अपना पूरा जीवन समाजसेवा को समर्पित कर दिया था। डॉ एस एन सुब्बा राव ने चंबल घाटी को डकैतों के आतंक से मुक्त कराया था। उंहोने एक साथ 672 डकैतों को सामूहिक सरेंडर करवाकर पूरी घाटी में शांति कायम कर दी थी। डॉ राव के इस चंबल अंचल में शांत के लिए किए कार्य की वजह से पूरे देश में लोकप्रियता हासिल हुई थी।

Must See: गुस्साए किसानों ने दिल्ली मुम्बई रेल मार्ग किया ठप

साल 1970 में चंबल में डकैतों का आतंक था पूरे इलाके में लोगों का जीवन ठहर सा गया था इसी के चलते ये अंचल विकास से अछूता रह गया। आखिर गांधीवादी विचारक डॉ सुब्बा राव की मेहनत रंग लाई और 14 अप्रैल 1972 को गांधी सेवा आश्रम जौरा में समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण एवं उनकी पत्नी प्रभादेवी के सामने डकैतों का सामूहिक आत्मसमर्पण कराया था। इनमें से बड़ी संख्या में डकैतों ने जौरा के आश्रम और 100 डकैतों ने मुरैना से लगे राजस्थान के जिले धौलपुर में गांधीजी की तस्वीर के सामने सरेंडर किया था। पूरे ग्वालियर-चंबल अंचल में डॉ सुब्बा राव को प्यार से लोग भाईजी कहते थे। डॉ सुब्बा राव ने जौरा गांधी सेवा आश्रम की नींव रखी थी, यही उनकी कर्मभूमि रही। इसलिए डॉ राव के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

Must See: गंदी नाली के पानी से सब्जियां धोते हुए दिखा रहा था दांत, वीडियो वायरल

Hindi News / Morena / गांधीवादी डा. सुब्बाराव का निधन, चंबल घाटी के 672 डकैतों का कराया था सरेंडर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.