मुरैना जिले (flood in morena) में चंबल का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसमें बेतवा (betwa river) का पानी मिलने से भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं। क्षेत्र के 40 से अधिक गांवों का सड़क संपर्क बाधित हुआ है। वहीं कई लोग रपटे पार कर जान जोखिम में डाल रहे हैं। ताजा तस्वीरें बातेड़, बामसौली घाट पर बने रपटे से आ रही है, जहां लोग 4 फीट ऊपर बह रहे पानी को पार करते हुए नजर आ रहे हैं।
चंबल नदी में स्टीमर बंद किए
चंबल नदी के उसैदघाट पर जल स्तर लगातार बढ़ने से स्टीमर बंद करवा दिया गया और पोरसा क्षेत्र में चंबल के किनारे पर प्रशासन ने कोटवार एवं अन्य पंचायत कर्मचारियों को लगा दिया है ताकि लोग नाव आदि से चंबल में न उतरें। नदी किनारे गांवों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को भी कहा गया है।
डैम से पानी छोड़ा
खतरे के निशान से चंबल अभी बहुत दूर है। उसैदघाट पर खतरे का निशान 130 मीटर पर है। जबकि मंगलवार को पिनाहट पर चंबल का जल स्तर 121 मीटर दर्ज किा गया है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोटा बैराज के 8 गेट खोल कर चंबल नदी में 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे मंगलवार को चंबल नदी का जलस्तर बढ़कर 121 मीटर तक पहुंच गया। प्रशासन ने किनारे के गांवों को सतर्क किया हुआ है ताकि आपात स्थिति बनने पर विस्थापन का कार्य प्राथमिकता से किया जा सके। उसके बाद भी 1.25 लाख क्यूसेक पानी चंबल में राजस्थान से छोड़ा गया है। मंगलवार को स्टीमर बंद करवा देने से सैकड़ों लोग उत्तरप्रदेश की ओर जाने के लिए उसैदघाट पहुंचे, लेकिन निराश हाकर लौटना पड़ा। अंबाह से पिनाहट, बटेश्वर, बाह, राजाखेड़ा, आगरा, फिरोजाबाद व शिकोहाबाद जाने के लिए चंबल के उसैदघाट से कम दूरी का रास्ता है।
सबलगढ़ में जल भराव की समस्या बनी मुसीबत
सबलगढ़. एक दिन की तेज बारिश में ही नगर में जल भराव की समस्या निर्मित हो गई। वार्ड नंबर 4 रामपुर रोड की पहाड़ी का पानी श्मशान घाट के नाले द्वारा संतर नंबर चार में प्रवेश करने और नाले की सफाई न होने से जल भराव के हालात बने, जबकि रोड के बगल से ही नाला है। नाले की सफाई न होने से यह पानी सड़कों पर आ गया। इससे संतर नंबर 4 से कुंड रोड तक लोग परेशान रहे। जबकि इस मार्ग पर 3 विद्यालय ग्रेस कन्वेंट स्कूल, अग्रसेन स्कूल एवं शासकीय प्राथमिक विद्यालय हरिजन बस्ती भी संचालित हैं और करीब एक हजार बच्चे इनमें पढ़ते हैं। स्कूल के रास्तो में कम से कम इन 3 फुट पानी भर जाता है। कई बार पहले बारिश होने पर स्कूल प्रबंधनों को अवकाश घोषित करना पड़ता है। संतर नंबर तीन, चार एवं पांच की ओर भी इस मार्ग से पानी का निकास है। शासकीय प्राथमिक विद्यालय हरिजन बस्ती के पास बिजली की डीपी लगी हुई है जो कि बरसात के समय पानी में डूब जाती है, जिससे करंट फैलने का खतरा रहता है।