जम्मू-कश्मीर में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान बृजमोहन सखवार का शव बुधवार सुबह गुरुद्वारा मोहल्ला स्थित घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। जो लोग परिजन को ढांढ़स बंधाने आए थे, उनका कहना था कि अंत्येष्टि सरकारी जमीन पर की जानी चाहिए, ताकि वहां जवान का स्मारक बन सके। मौके पर मौजूद एसडीएम नीरज शर्मा के समक्ष भी लोगों ने यह मांग रखी, लेकिन उन्होंने नियमों का हवाला देकर जमीन उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई।
जिससे विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। लोगों ने इसकी जानकारी विधायक कमलेश जाटव को दी। विधायक ने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की, जिसके बाद जवान की अंत्येष्टि समीपवर्ती गांव रुद के पुरा में शासकीय जमीन पर किए जाने की सहमति बनी। तब दोपहर एक बजे अंतिम संस्कार की क्रिया प्रारंभ हुई।
नम आंखों से दी अंतिम विदाई
45 वर्षीय ब्रजमोहन सखवार को उनके पुत्र नितिन ने जब मुखाग्नि दी तो भारत माता की जय और वंदेमातरम के नारों से गूंज उठा। लोगों ने नम आंखों से ब्रजमोहन को अंतिम विदाई दी। ब्रजमोहन के साथ आए सेना के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी। एसडीएम नीरज शर्मा, नायब तहसीलदार रामनिवास शर्मा, सखवार समाज धर्मशाला अध्यक्ष रामेश्वर सखवार, भाजपा के नगर अध्यक्ष कविंद्र सिंह तोमर, कांग्रेस के जिला महामंत्री बंटी गुधेनिया, ब्लॉक अध्यक्ष योगेंद्र चौहान आदि ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।