मोरेना

मुरैना के दत्तपुरा में घर के अंदर ब्लास्ट, चार मकान मलबे में तब्दील, मां- बेटी दबीं

-धमाके की आवाज इतनी तेज कि आधा किमी दूर स्थित घरों की खिड़कियों के कांच फूटे, लोग सहमें
– प्रशासन ने नहीं दिखाई गंभीरता, आठ घंटे बाद भी मौके पर नहीं पहुंची फोरेसिंग और बीडीएस की टीम

मोरेनाOct 19, 2024 / 11:52 pm

Ashok Sharma

मुरैना. शहर के दत्तपुरा में भरोषी धर्मशाला के पास स्थित गजराज राठौर के मकान में पटाखों से हुए विस्फोट से बस्ती के लोग डर गए और धमाके की आवाज इतनी तेज हुई कि आधा किमी दूर तक स्थित घरों की खिड़कियों के कांच फूट गए। वहीं मां- बेटी के मलबे में दबे होने की खबर है। देर रात तक रेस्क्यू चलता रहा। धमाका इतना तेज हुआ कि पूरी बस्ती के लोग भयभीत हो गए। सूचना मिलते ही सबसे पहले शहर कोतवाल आलोक परिहार पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे, उसके बाद एक बजे जेसीबी राहत कार्य के लिए पहुंची और डेढ़ बजे पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ एवं अपर कलेक्टर सी बी प्रसाद मौके पर पहुंचे।
यहां बता दें कि शहर के दत्तपुरा में गजराज सिंह राठौर के मकान में पिछले दो साल से जमील खान किराए पर रहता था। पड़ोसियों ने बताया कि वह हर साल दीपावली के अवसर पर पटाखा बाजार में दुकान लगाता था, संभवतह उसी के लिए यहां बड़ी मात्रा में पटाखे स्टोर किए गए थे। उन्हीं पटाखों में शनिवार की दोपहर करीब 12:15 बजे अचानक विस्फोट हुआ जिससे जिस मकान में पटाखे थे, वह तो पूरी तरह जमींदोज हो गया और उसके बगल से गजराज राठौर का एक और मकान था जिसमें वह स्वयं रहता था, वह मकान और बगल में शिव सिंह राठौर के मकान भी मलबे में तब्दील हो गए। इसके अलावा इसी मकान के पीछे साधू सिंह गुर्जर के मकान का कुछ हिस्सा ब्लास्ट में गिर गया। एक अन्य मकान रामनिवास शिवहरे का भी दरार दे चुका है। उसके कमरे के आगे पड़ी सीमेंट की चद्दर भी फूट गई। उसी दौरान पोरसा से आए जमील खान के चाचा शहजाद खान ने बताया कि हमको खबर मिली तो पोरसा से भागगर आए हैं। मकान में मलबे में जमील खान की पत्नी अंजू बेगम व बच्ची साइना दबे हुए हंै। उसने बताया कि जमील खान ने पिछले साल दीपावली पर पटाखे का काम किया था, उसी समय के कुछ पटाखे रखे थे, उसी में विस्फोट हुआ है। दोपहर एक बजे से ही जेसीब मलबे को हटाने में जुटी हुई है, रात 12 बजे तक मां- बेटी को बाहर नहीं निकाला जा सका है। पुलिस अधीक्षक व अपर कलेक्टर बिना किसी जांच पड़ताल के शुरू से ही सिलेंडर में ब्लास्ट होने का राग अलापना शुरू कर दिया। जबकि मलबा साफ कर रहे एसडीआरएफ के जवानों ने साफ कहा है कि सिलेंडर में कोई विस्फोट नहीं हुआ है, जो तीन सिलेंडर होने की बात सामने आई थी, उसमेंं तीनों सिलेंडर साबूत निकले हैं। रहवासी चींख चींखकर कह रहे हैं कि विस्फोट पटाखों में हुआ है। उसके बाद भी अधिकारी अपनी नाकामी पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं। पड़ोसियों की छतों पर मिले चले हुए व अधचले पटाखे इस बात की पुष्टि करते हैं कि विस्फोट पटाखों से ही हुआ है।

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