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82 साल की उम्र और फेफड़े 80 फीसदी हो चुके थे संक्रमित
मुरैना शिवहरे कॉलोनी में रहने वाली 82 वर्षीय लालू सिंह अप्रैल के महीने में उज्जैन में रहने वाले अपने पोते आरक्षक हरेन्द्र के घर गई थीं। वहीं पर 24 अप्रैल को उनकी तबीयत बिगड़ गई और जांच कराने पर कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिसके बाद 30 अप्रैल को और भी ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर ऑक्सीजन की आवश्कता पड़ने पर परिवारवाले उन्हें पहले उज्जैन फिर ग्वालियर लेकर पहुंचे लेकिन कहीं पर भी ऑक्सीजन बैड नहीं मिला। इसके बाद उन्हें मुरैना जिला अस्पताल लाया गया। जहां इलाज शुरु होने पर पता चला कि लालू बाई के फेफड़ों में 80 फीसदी संक्रमित हो चुके हैं और उनका ऑक्सीजन लेवल भी 75 पर पहुंच गया था।
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कोरोना को मात देकर दादी दे रहीं दूसरों को सलाह
82 साल की उम्र और फेफड़ों के 80 फीसदी तक संक्रमित होने के बावजूद लालू बाई ने जिंदगी की आस नहीं छोड़ी और मजबूत इरादों के साथ कोरोना का मुकाबला किया। नाजुक स्थिति में मुरैना जिला अस्पताल के चिकित्सक योगेश तिवारी एवं राघवेंद्र यादव की देखरेख में और उनके बताए उपचार को लेते हुए दादी लालू बाई ने 14 दिनों में कोरोना को मात देते हुए उदाहरण पेश किया है। अब अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर लौटीं दादी लालू बाई दूसरों को सलाह देते हुए कहती हैं कि डॉक्टरों की बात मानो, मास्क पहनो, भगवान सब ठीक कर देगा।
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