– गांव में फैली पशुओं में गंभीर बीमारी, नहीं पहुंच रहे चिकित्सक, ग्रामीणों ने फोन किया तो सरकारी चिकित्सक ने प्राइवेट व्यक्ति को भेजा इलाज करने गांव में

मुरैना. जिला मुख्यालय से बमुश्किल चार किमी दूर स्थित किशनुपर गांव में पशुओं में गंभीर बीमारी फैली हुई है। पिछले दस दिन में तीन दर्जन भैंसों की मौत हो चुकी है और आधा सैकड़ा से अधिक पशु अभी भी बीमार हैं, जिनका अपने स्तर पर पशुपालक इलाज करा रहे हैं।
पिछले दस दिन से भैंस व उनके बच्चों को गले से घर्र-घर्र की आवाज आना यानि कि सांस अवरुद्ध होना, मुंह से लगातार लार निकलना आदि लक्षण दिखाई दे रहे हैं। ये लक्षण गलघोंटू रोग के बताए जा रहे हैं। किशनपुर गांव में करीब तीन दर्जन भैंस व उनके बच्चों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों की शिकायत है कि एवीएफओ (सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी) उपेन्द्र नागर की गांव में ड्यूटी है, लेकिन वह किशनपुर ड्यूटी पर न आकर ग्वालियर रहते हैं। ग्राम पंचायत की सरपंच व अन्य लोगों ने एवीएफओ को फोन भी लगाया लेकिन वह न तो गांव ड्यूटी पर पहुंचे और न वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया है। वहीं एवीएफओ ने एक प्राइवेट व्यक्ति नरेश दोनेरिया को पशुओं का इलाज करने भेज दिया है, जिसके पास कोई डिग्री है और न पशु चिकित्सा विभाग का कर्मचारी है, जो अपने हिसाब से इलाज कर रहा है। गांव में एक साथ बड़ी संख्या में पशुओं के मरने पर विभाग के टीकाकरण पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक आर एम स्वामी को चार बार मोबाइल पर अलग अलग नंबरों से कॉल किया लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।
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