न्यायालय के रूप में परिवर्तित सीएसपी कार्यालय।
मुरैना. गुरुवार को एबी रोड किनारे बाबा देवपुरी के पास दिन भर शूटिंग की गई और शुक्रवार को पुराने कलेक्टर कार्यालय परिसर में वेबसीरिज का एक हिस्सा शूट किया गया। ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरे को पूरी तरह नजर अंदाज कर दिया गया है।
नाम और पहचान बताने से बच रहे टीम के सदस्यों ने बताया कि वे मुंबई से आए हैं और इस शूटिंग की अनुमति भी प्रशासन से ली है। लेकिन अनुमति देने वाले एसडीएम आरएस वाकना का कहना है कि हमसे तो ग्वालियर की टीम बताकर अनुमति ली गई थी, महाराष्ट्र के लोग नहीं हैं। वे यह मानने को तैयार नहीं हुए कि महाराष्ट्र के लोगों का दल भी यहां आया हुआ है। जबकि महाराष्ट्र से पंजीकृत चार लग्जरी बसें लोक निर्माण विभाग कार्यालय परिसर में रखी गई थीं। वहीं महाराष्ट्र से ही पास एक लोडिंग वाहन पुराने कलेक्टर कार्यालय के पीछे के हिस्से में सामान उतारते देखा गया। बताया गया है कि कुछ लोगों ने प्रशासन को अंधेरे में रखकर ग्वालियर की टीम बताकर चंद लोगों के लिए शूटिंग की अनुमति ली थी, लेकिन बाद में उसमें अधिकांश लोग महाराष्ट्र के ही शामिल निकले।
दो दिन से चल रही थी शूटिंग की तैयारी
मार्च में संक्रमण का खतरा बढऩे और महाराष्ट्र को संवेदनशील घोषित कर देने के बाद से जिले में महाराष्ट्र से आई टीमें दो बार शूटिंग कर चुकी हैं। एक टीम दो मार्च को जिले में आई थी और चंबल, मितावली-पढ़ावली में शूटिंग करने के बाद यहां दो दिन रुककर गई। अब दूसरी टीम दो दिन से यहां है। टीम के एक सदस्य का दावा था कि उनकी टीम ने 14 मार्च को मुंबई में ही कोरोना टेस्ट कराया था और उसी रिपोर्ट प्रशासन को दी थी। इसी के आधार पर शूट करने की अनुमति दी गई। लेकिन यहां यह बताना उचित होगा कि चार बसों के अलावा ग्वालियर और मुरैना के एक दर्जन चार पहिया वाहन भी इनके समूह में शामिल हैं।
सीएसपी कार्यालय का हुलिया ही बदल दिया
शूटिंग के लिए पुराने कलेक्टर कार्यालय में मुख्य द्वार के सामने ही स्थित नगर पुलिस अधीक्षक कार्यालय को जिला एवं सत्र न्यायालय में अस्थाई तौर से तब्दील किया गया है। इसके ऊपर जिला एवं सत्र न्यायालय का पुराना सा तैयार करके एक बोर्ड भी लगाया गया है। वहीं बाहर कुछ गुमशुदा (अपहर्ता) के पर्चे भी चस्पा किए गए हैं। पुराने निर्वाचन कार्यालय के सामने एक सेट लगाया गया है। वहीं अस्थाई न्यायालय के बाहर वकीलों की सीट भी तैयार की गई हैं। स्थानीय कुछ अभिभाषकों के नाम के बोर्ड भी बाहर टांगकर न्यायालय का लुक देने का प्रयास किया गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
-एसडीएम की अनुमति के आधार पर हमने शूटिंग के लिए सहयोग किया है। टीम कहां से आई इसकी जानकारी हमें नहीं है।
राजेंद्र सिंह रघुवंशी, नगर पुलिस अधीक्षक, मुरैना
-हमने तो ग्वालियर के लोंगों को अनुमति दी थी, महाराष्ट्र का कोई व्यक्ति यहां नहीं आया है, कोई उनके वाहन भी नहीं आए हैं। यदि आपके पास कोई प्रमाण है तो दें।
आरएस बाकना, एसडीएम, मुरैना
-यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है, यदि महाराष्ट्र से आकर लोग शूट कर रहे हैं तो दिखवाते हैं।
बी कार्तिकेयन, कलेक्टर, मुरैना।