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मुरादाबाद

योगी सरकार ने इन जिलों में दस कीटनाशकों पर लगाया पूर्ण बैन, जानें कौन-कौन शामिल

एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी की तरफ से कहा गया है कि यूरोपियन यूनियन समेत अमेरिका व अन्य खाड़ी के देशों को होने वाले धान के निर्यात में कमी आई है। जिसके चलते भारत सरकार ने धान के निर्यात को बढ़ाने के उद्देश्य से 10 प्रकार के कीटनाशकों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

मुरादाबादOct 06, 2022 / 10:57 am

Jyoti Singh

Yogi government imposed a complete ban on ten pesticides in these districts

उत्तर प्रदेश सरकार ने मुरादाबाद मंडल समेत 30 जिलों में धान की फसलों को कीट से बचाने वाले 10 प्रकार के कीटनाशकों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसे लेकर एपी डा एग्रीकल्चर एंड प्रोसैस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी की तरफ से सूचना जारी की गई। जिसके बाद ये फैसला लिया गया। वहीं एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी की तरफ से कहा गया है कि यूरोपियन यूनियन समेत अमेरिका व अन्य खाड़ी के देशों को होने वाले धान के निर्यात में कमी आई है। ऐसा कहा जा रहा है कि धान में आने वाली इस कमी की वजह धान में उपस्थित ट्राईसाईक्लाजोले अधिकतम मात्रा में पाया जाना है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. योगेंद्र कुमार का कहना है कि प्रदेश सरकार की तरफ से कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिसे लेकर विक्रेताओं के यहां औचक निरीक्षण किए जाएंगे।
कीटनाशक विक्रेता के यहां होगा औचक निरीक्षण

धान की कमी आने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पीला की संस्तुति पर भारत सरकार ने धान के निर्यात को बढ़ाने के उद्देश्य से 10 प्रकार के कीटनाशकों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने जनपद मुरादाबाद मंडल सहित प्रदेश के 30 जनपदों में भी इन कीटनाशकों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया है। जिससे कोई भी इनका इस्तेमाल न कर सके। ये जनपद आगरा, अलीगढ़, औरैया, बागपत, बरेली, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, गौतम बुध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मैनपुरी, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, शामली, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर और संभल है।
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उल्लंघन करने पर विक्रेता के खिलाफ होगी कार्रवाई

जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. योगेंद्र कुमार ने बताया कि यदि निरीक्षण के दौरान कीटनाशक विक्रेता नियम का उल्लंघन करते पाए गए तो उनके विरुद्ध कीटनाशक अधिनियम 1968 के तहत कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि ये प्रतिबंधति कीटनाशक ट्राइसाईक्लाजोल, बुप्रोनोफोस, एसिफेट, क्लोरपायरीफोस, मेथामिडोफोस, प्रोपिकोनोजोल, थायोमेथाक्सम, प्रोफेनोफोस, आईसॉप्रोथियोसेन तथा कारबेंडाजिम हैं, जो प्रतिबंधित किए गए हैं। हालांकि किसानों की सुविधा के लिए विकल्प भी दिए गए हैं। इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार ने शासनादेश भी जारी कर दिया है।
सरकार के फैसले पर किसानों ने जताई आपत्ति

उधर, सरकार के इस फैसले पर किसानों ने अपनी असहमति जाहिर की है। किसानों का कहना है कि सरकार ने इन कीटनाशक दवाइयों को बंद करने का गलत फैसला ले लिया है। किसान पहले ही बर्बादी की कगार पर है और अब इन दवाइयों के बंद होने पर किसानों के सामने सामने एक और नई परेशानी खड़ी हो जाएगी। हम अपने खेतों में कीटनाशक दवाई छिड़क कर कुछ हद तक अपनी फसलों को बचा पाते हैं। अब किसानों के सामने कोई विकल्प नहीं बचेगा। इससे उनका नुकसान ज्यादा होगा।
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