ये भी पढ़ें: दिल्ली के बाद अब यूपी के इस जिले में बने बाढ़ के आसार, ग्रामीणों ने किया पलायन
पत्रिका की पड़ताल में हुआ खुलासा- रामपुर के चिकटी रामनगर गांव के बेसिक स्कूल के एक रूम के क्लास में ही कक्षा 1 से लेकर 5 तक के छात्र छात्राएं बैठे हैं। छोटे छात्र की तरह अब बड़े छात्र भी गिनती याद करने में लगे हैं। क्लास के दौरान जो मैडम उन्हें स्कूल में पढ़ाने का काम करती हैं सिर्फ खड़ी हैं और एक छात्र तेज आवाज में गिनती बोलता है जिसे बाकी के बच्चे दुहराते हैं। पूरे क्लास मे छात्र गिनती याद करते हैं क्योंकि उनके पास पढने को बुक नहीं है।
पत्रिका की पड़ताल में हुआ खुलासा- रामपुर के चिकटी रामनगर गांव के बेसिक स्कूल के एक रूम के क्लास में ही कक्षा 1 से लेकर 5 तक के छात्र छात्राएं बैठे हैं। छोटे छात्र की तरह अब बड़े छात्र भी गिनती याद करने में लगे हैं। क्लास के दौरान जो मैडम उन्हें स्कूल में पढ़ाने का काम करती हैं सिर्फ खड़ी हैं और एक छात्र तेज आवाज में गिनती बोलता है जिसे बाकी के बच्चे दुहराते हैं। पूरे क्लास मे छात्र गिनती याद करते हैं क्योंकि उनके पास पढने को बुक नहीं है।
ये भी पढ़ें: रात में जब लोगों ने खोला दरवाजा तो इस हालत में पति-पत्नी को देख कर रह गए दंग कौन है जिम्मेदार- साल 2018-19 के सत्र की शुरुआत हुए तीन माह का वक़्त बीत गया लेकिन अफसोस की बेसिक स्कूलों में सभी छात्र-छात्राओं को अभी तक ना ड्रेस मिली है, और ना ही उन्हें, पढने के लिए पुस्तकें। ऐसी स्थति मे देश के भविष्य कहे जाने वाले छात्रों के साथ जो धोखा किया जा रहा है उसका असल जिम्मेदार कौन हैं। जिम्मेदार सरकार है या सरकार के अफसर हैं।
ये भी पढ़ें: शमी पर मंडराए ‘हसीन’ काले बादल, पत्नी ने अब कहा 420, गंभीर आरोप के साथ इन दस्तावेजों को रखा सामने
ज़िले की बेसिक शिक्षा अधिकारी लक्ष्मी ने पत्रिका संवाददाता को बताया कि साल 2018-19 के शिक्षण सत्र को तीन माह बीत गए, अभी तक तीस प्रतिशत पुस्तेकें आई हैं। ड्रेस भी अभी सभी छात्र छत्राओं को नही मिली है प्रयास जारी है। जल्द ही छात्राओं और छात्रों को पुस्तक दिलाने और ड्रेस दिलाने का काम किया जाएग।
ज़िले की बेसिक शिक्षा अधिकारी लक्ष्मी ने पत्रिका संवाददाता को बताया कि साल 2018-19 के शिक्षण सत्र को तीन माह बीत गए, अभी तक तीस प्रतिशत पुस्तेकें आई हैं। ड्रेस भी अभी सभी छात्र छत्राओं को नही मिली है प्रयास जारी है। जल्द ही छात्राओं और छात्रों को पुस्तक दिलाने और ड्रेस दिलाने का काम किया जाएग।