मुरादाबाद के कांग्रेस प्रत्याशी रिजवान (बीच में जिनसे टोपी लगाया शख्स गले मिल रहा है)
निकाय चुनाव के पहले चरण में 37 जिलों में वोट पड़े हैं। इनमें से 10 नगर निगम हैं। पहले चरण में बड़े दलों में अगर कोई पार्टी सबसे कमजोर दिखी तो कांग्रेस है। कांग्रेस तकरीबन हर जगह मुकाबले से बाहर दिखी लेकिन एक सीट ऐसी है, जहां कांग्रेसियों के चेहरे खिले हैं। ये है मुरादाबाद नगर निगम।
कांग्रेसियों को दावा-जीत रहे, स्थानीय लोग बोले-फाइट तो दे रहे मुरादाबाद नगर निगम मुस्लिम बाहुल्य सीट है। ऐसे में यहां से बड़े दलों में भाजपा को छोड़कर सभी ने मुस्लिमों को टिकट दिया। भाजपा ने यहां से विनोद अग्रवाल, बसपा ने मोहम्मद यामीन, सपा ने रईसुद्दीन और कांग्रेस ने रिजवान कुरैशी को उतारा।
हार जीत का फैसला तो 13 मई को होगा लेकिन स्थानीय लोग और विश्लेषक मान रहे हैं कि मुरादाबाद में कांग्रेस के रिजवान ने जबरदस्त इलेक्शन लड़ा है। मुस्लिमों के बीच ज्यादातर जगहों पर सपा, बसपा और AIMIM के कैंडिडेट कांग्रेस से पिछड़ते दिखे। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वो इस बार निगम पर कब्जा जमाने जा रहे हैं।
विश्लेषक सबसे आगे तो यहां भाजपा को ही मान रहे हैं लेकिन ये बात कह रहे हैं कि कांग्रेस इस सीट पर फाइट में है। ज्यादातर लोग मान रहे हैं कि अगर मुस्लिम वोटों में बहुत बंटवारा ना हुआ तो बाजी भाजपा के साथ से निकल भी सकती है।
मुरादाबाद कांग्रेस प्रत्याशी रिजवान के साथ बात करते पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद(जैकेट में) IMAGE CREDIT: बीते चुनाव में भी कांग्रेस ही रही थी उपविजेता मुरादाबाद में मेयर पद के लिए 2017 में भी कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला हुआ था। भाजपा को उस चुनाव में 95 हजार वोट मिले थे और कांग्रेस 74 हजार वोट लेकर दूसरे नंबर पर रही थी। एक बार फिर कांग्रेस ने दम दिखाया है। अब नतीजे क्या होंगे, ये 13 मई को ही पता चल सकेगा।