21 जून को पेश हुआ था विधेयक का मसौदा गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक ( triple talaq ) बिल पेश किया जा रहा है। इससे पहले बजट सेशन में 21 जून को इस विधेयक का मसौदा पेश किया गया था। सरकार का दावा है कि तीन तलाक का विधेयक मुस्लिम महिलाओं को मजबूती प्रदान करेगा। विधेयक में मुस्लिम महिलाओं और उनके आश्रित बच्चों को गुजारा-भत्ता देने की व्यवस्था है। इसके अनुसार, तीन तलाक को गैर-कानूनी घोषित किया गया है। इसमें तीन साल की सजा का प्रावधान है।
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यह कहा एसटी हसन ने इस बिल को लेकर मुरादाबाद से सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि सरकार को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए। इसमें अगर पति तीन साल के लिए जेल चला गया तो उसके परिवार की देखभाल कौन करेगा। सरकार कानून लाए बिना भी इसको खत्म कर सकती है। उनका कहना है कि पूरा मुस्लिम समाज कुरान के अनुसार तलाक को मानता है। इस दौरान उन्होंने कहा कि घर आने पर अगर कोई अपनी पत्नी को किसी और के साथ देख ले तो गुस्सा आएगा। उस गुस्से में अपनी पत्नी को मार डालने या जला देने से तो अच्छा यही है कि तीन तलाक देकर रुख्सत कर दे। सांसद ने कहा कि निकाह के दौरान ही तीन तलाक की शर्त बता दी जाती है। अगर लड़की पक्ष को यह मंजूर नहीं है तो वह निकाह से मना कर सकता है। यह भी पढ़ें