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आपको बता दे कि देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन बुधवार को सरसंघ चालक मोहन भागवत ने कहा कि वैदिक काल में हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं था बल्कि सनातन धर्म हुआ करता था। आज जो कुछ हो रहा है वो धर्म नहीं है। जिस दिन हम कहेंगे कि हमें मुसलमान नहीं चाहिए उस दिन हिंदुत्व नहीं रहेगा। आपको बता दे कि नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण’ नाम से एक तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका बुधवार को अंतिम दिन था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यह भी कहा कि आरएसएस सरकार को नियंत्रित नहीं करता है और देश संविधान के अनुसार से ही चलेगा।
आपको बता दे कि देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन बुधवार को सरसंघ चालक मोहन भागवत ने कहा कि वैदिक काल में हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं था बल्कि सनातन धर्म हुआ करता था। आज जो कुछ हो रहा है वो धर्म नहीं है। जिस दिन हम कहेंगे कि हमें मुसलमान नहीं चाहिए उस दिन हिंदुत्व नहीं रहेगा। आपको बता दे कि नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण’ नाम से एक तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका बुधवार को अंतिम दिन था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यह भी कहा कि आरएसएस सरकार को नियंत्रित नहीं करता है और देश संविधान के अनुसार से ही चलेगा।
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भागवत ने सर सैय्यद अहमद खान का उदहारण देते हुए कहा कि जब उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई पूरी की तो लाहौर में आर्य समाज ने उनका अभिनंदन किया, क्योंकि वे मुस्लिम समुदाय के पहले छात्र थे जो बैरिस्टर बने थे। उस समारोह में सर सैय्यद अहमद ख़ान ने कहा कि मुझे दु:ख है कि आप लोगों ने मुझे अपनों में शुमार नहीं किया। उन्होंने कहा कि ‘सभी मतों के तत्व ज्ञान को हम हिन्दू धर्म कहते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि हिन्दू मत कहो, भारतीय कहो। बात तो एक ही है। हिन्दू शब्द के रहने से भारतीय स्वभाव नहीं बदलेगा।