सपा सांसद डॉ. एसटी हसन का कहना है कि गरबा भारतीय संस्कृति को दर्शाता है। इस कार्यक्रम में परिवारों के लोग भागीदारी करते हैं। गरबा में महिलाएं नाच-गाकर जश्न मनाती हैं। ऐसे कार्यक्रम में कोई कलाकार नहीं होता है। अगर कोई कलाकार भी होता तो मुझे कोई आपत्ति नहीं थी। उन्होंने कहा कि 60 विदेशी राजदूतों को बुलाना मुझे गलत लगा। दूसरे धर्मों के विदेशी राजदूतों के सामने बहू-बेटियों की नुमाइश करना गलत है।
यह भी पढ़े – अपहरणकर्ता को एनकाउंटर में मार गिराने के बाद कमिश्नर ने बदमाशों को दी चेतावनी मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे कुछ लोग उन्होंने कहा कि मुस्लिम युवकों के गरबा कार्यक्रम में प्रवेश पर प्रतिबंध था तो विदेशी राजदूतों को भी गरबा कार्यक्रम में नहीं बुलाना चाहिए था। गरबा खेल रही महिलाएं भी हमारी बहू-बेटियां हैं। इसलिए मुझे यह बुरा लगा। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ गलत नहीं कहा है, लेकिन कुछ लोग मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं।