रामपुर के रजा लाइब्रेरी में योग का आयोजन तो किया गया। लेकिन इलाके के लोगों मे कोई उत्साह देखने को नहीं मिला। आलम ये रहा की योग करने के लिए बस 40 से 50 लोग पहुंचे। जबकि पहली बार यहां जब योग हुआ तो दो हज़ार से ज्यादा लोग योग करने पहुंचे थे। इतना ही नहीं आयोजनकर्ता लाइब्रेरी के डायरेक्टर को ही आसनो की जानकारी नहीं। ये हम नहीं खुद अब्बास सहाब ने अपने मुंह से कही। उन्होंने कहा कि एक साल में एक बार ही मौका मिलता है योग करने का, जिसकी वजह से ठीक से योग नहीं आता। हालाकि उन्होंने कहा कि वो कोशिश करते हैं कि अब रोजाना योग करें जिससे आने वाले सालों में योग दिवस पर ठीक से योग कर सकें। लोगों के कम पहुंचने पर उन्होंने कहा कि यहां पर भीड़ इस लिए नही है क्योंकि जिसको जहां योग करना है वह वहां कर लेता है।
इसके साथ ही रज़ा लाइब्रेरी डायरेक्टर ने चौकाने वाली बात भी बताई उन्होंने कहा कि कुछ लोग योग करना ही नहीं चाहते। जाहिर है कि यहां पर योग दिवस को लेकर ना ही कोई तैयारी करवाई गई और न ही योग को लेकर किसी में गम्भीरता नजर आई।