यह भी पढ़ें: 2 साल पहले हुई थी हत्या, अब हुआ यह चौकानें वाला खुलासा, देखें वीडियो एक मई की रात को हुअा था डबल मर्डर आपको बता दें कि एक मई की रात को हमलावरों ने शहजादनगर थाना क्षेत्र के दीनपुर गांव निवासी सपा के पूर्व जिला सचिव पर्वत सिंह यादव और चकरपुर गांव निवासी होमगार्ड उमराव सिंह की वैगन आर कार पर गोलियां पर बरसा दी थीं, जिससे दाेनों की मौत हो गई थी। होमगार्ड की हत्या करने के बाद हमलावरों ने पर्वत सिंह को खेत में दौड़ाकर गोलियां मारी थीं। घटना के समय दोनों कार से घर जा रहे थे। घटना के बाद डीआईजी मुरादाबाद, एसपी एडिशनल एसपी समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची थी। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार करवाया गया था।
यह भी पढ़ें: अजब-गजब: जानिये, कैसे अंतिम संस्कार के बाद जिंदा घर लौटी महिला दस लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी रिपोर्ट इस मामले में पीड़ित परिवार की आेर से दस लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इनमें से दो लोंगों सुरेश और सुरेंद्र को पुलिस ने मोदी होटल के पास मजार के सामने से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों सगे भाई हैं। उनको जेल भेज दिया गया है जबकि बाकी के आठ आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की कई टीमें लगी हुई हैं।
यह भी पढ़ें: सेना में भर्ती होने के लिए युवक ने फोड़ा खुद अपना सर, वजह जान रह जाएंगे हैरान बदला लेने के लिए किया मर्डर आरोपियों के भाई की हत्या का आरोप पर्वत सिंह पर लगा था। दोनों आरोपियों का कहना है कि सपा सरकार में एफआईआर से पुलिस ने बाद में पर्वत सिंह का नाम हटा दिया था। इसको लेकर आरोपी परेशान थे। जैसे ही उन्हें मौका मिला, उन्होंने बदला ले लिया। पकड़े गए दोनों मुख्य आरोपी सगे भाई हैं, जिनके चेहरे पर गिरफ्तार किए जाने के बाद जरा भी शिकन नहीं थी। हालांकि, अभी पुलिस ने हत्या के पीछे रंजिश तो बताई लेकिन पूरी तरह से इसे साफ नहीं किया है।
यह भी पढ़ें: बसपा के इस विधायक पर लगेगी रासुका, पुलिस ने की यह तैयारी हत्या का आरोप लगा थ सपा नेता पर सपा नेता पर्वत सिंह यादव समेत दो हत्याओं की वजह गांव की पुरानी रंजिश बताई जा रही है। दो साल पहले पर्वत सिंह का नाम 27 वर्षीय अनुज यादव की हत्या के मामले में सामने आया था, तब सपा की सरकार थी। अनुज बजरंग दल से जुड़ा था। उस मामले में पुलिस ने सपा नेता सहित उसके रिश्तेदार झंडा सिंह, करतार सिंह, वीर सिंह, बिट्टू सिंह, राजेन्द्र सिंह और नत्थू सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच की और बाद में इसे आत्महत्या बताते हुए केस बंद कर दिया था।