अक्षय तृतीय 2018: लक्ष्मी मां की कृपा को पाने के लिए करे ये काम , सालभर रहेगी मौज
अक्षय तृतीया पर इन जिलों में रहेंगा हार्इ अलर्ट, ये है वजह यहां बता दें कि ब्रिटिश गवर्नमेंट में ईस्ट इंडिया रेलवे कंपनी की ओर से नई रेलवे लाइन बिछाने और सड़क निर्माण का काम भाप इंजन वाले रोड रोलर से कराया जाता था।
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने में नहीं बरती सावधानी तो खा सकते हैं धोखा नल पर पानी भरने गई युवती के साथ युवक ने किया गंदा काम रेल अधिकारीयों ने बताया कि पिछले दिनों रेल मंडल मुख्यालय की ओर से इंजीनिय¨रग विभाग के कबाड़ घर की सफाई की जा रही थी। वर्षो से बेकार पड़े कबाड़ की बिक्री की जा रही थी। इस दौरान भाप से चलने वाला रोड रोलर मिला। इस रोड रोलर को वर्ष 1947 में इंग्लैंड की कंपनी जैमको द्वारा बनाया गया था। इसे चलाने के लिए कोयला जलाकर पानी को गर्म कर स्टीम बनाया जाता था। इस स्टीम इंजन वाले रोड रोलर से नई रेलवे लाइन डालने के लिए जमीन तैयार की जाती थी। इसके अलावा रेलवे कालोनी व रेल लाइन के किनारे सड़क के निर्माण में भी इसका प्रयोग किया जाता था। इस रोड रोलर ने 1962 तक काम किया। इसके बाद डीजल से चलने वाला रोड रोलर आ गया। इसलिए इसे गोदाम में डाल दिया गया। लेकिन अब बदलते तकनीकी दौर में ऐसी चीजें कम ही मिलती हैं ,लिहाजा इसे कबाड़ के साथ बेचा नहीं गया। बल्कि सहेज लिया गया। यहां से गुजरने वाले भी एक नजर इसे रूककर देखते जरुर हैं। और पुराने वक्त को याद करते हैं।