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इसलिए लेना पड़ा फैसला
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी आर के सिंह के मुताबिक मुरादाबाद का प्रदूषण स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। हवा प्रदूषित हो गयी है। यहां की हवा में एसपीएस,हानिकारक गैस और रसायन कणों का स्तर मानक से कई गुना अधिक बढ़ा हुआ है। जिस कारण ईंट भट्टों को बंद करने का फैसला लेना पड़ा है। वहीँ ईंट भट्टा संचालक राज्य प्रदूषण बोर्ड में अपील कर सकते हैं।
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इतना खतरनाक पहुंचा स्तर
यहां बता दें कि प्रदूषण नियन्त्र बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार मुरादाबाद मंडल को दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण ने अपनी चपेट में ले लिया है। शून्य से 50 क्यूबिक रहने वाला एसपीएस 380 से 488 पहुंच गया है। ये सेहत के लिए बेहद खतरनाक है।
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बढ़ गया चार से पांच गुना
एयर मोनिटीरिंग लैब के प्रभारी डॉ अनामिका त्रिपाठी के मुताबिक दिवाली वाले दिन 24 घंटे में वायु प्रदूषण चार से पांच गुना बढ़ गया। इसका असर अभी लगभग एक सप्ताह तक देखने को मिलेगा। क्यूंकि मौसम जब तक शुष्क नहीं होगा वायु प्रदूषण कम नहीं होगा। सुबह शाम कोहरे और धुंध के कारण सांस लेने में तकलीफ बढ़ेगी।
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हफ्ते भर तक रहेगा असर
अस्सिस्टेंट साइंटिस्ट अतुल कुमार के मुताबिक दिवाली से एक दो दिन पहले ही शहर में वायु प्रदूषण बढ़ रहा था। अब एक हफ्ते तक राहत की उम्मीद नहीं है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक 0 से 50 तक अच्छा माना जाता है,लेकिन इन दिनों इसका स्तर 350 से 500 तक जा रहा है। जोकि सेहत के लिए सीधे नुकसान है।
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लगातार बढ़ रहा प्रदूषण
पिछले साल दिवाली के आसपास मुरादाबाद देश का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर था,उसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ,दिवाली वाले दिन भी यूपी का सबसे ज्यादा प्रदूषित जिला था और अब ये शहर देश के सबसे संवेदनशील शहरों में शामिल हो गया है। इसलिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ ही एनजीटी ने भी स्थानीय अधिकारियों ने प्रदूषण फैलाने वाले संयंत्रों पर नियंत्रण लगाने के निर्देश दिए हैं।