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मुठभेड़ में इनामी बदमाश ढेर, वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें- दरअसल विभागीय नोटिस की भाषा बिलकुल सरकारी है। उसमें दिनांक 23 जनवरी को माचिस लेने का जिक्र और उसमें बाकायदा 19 तीलियां थीं ये भी लिखा है। जो मॉर्टीन जलाने के लिए रखी गई थी। नोटिस में कार्यालय सहायक मोहित को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि विभाग में कार्य का बोझ बढ़ने के कारण देर रात तक काम निपटाया जा रहा है। 23 जनवरी को आपके द्वारा 8 बजकर 40 बजे एक माचिस मांगी गई थी, जिसे मॉर्टीन सुलगाने के लिए रखा गया था, लेकिन खेद का विषय है कि 1 फरवरी तक भी आपके द्वारा माचिस नहीं लौटाई गई। इसके चलते रात बेरात बिजली जाने पर परेशानी हो रही है। इसलिए आपको निर्देशित किया जाता है कि पत्र प्राप्ति के 3 दिन के अंदर उक्त माचिस वापस करना सुनिश्चत करें, ताकि भविष्य में कोई विवाद की स्थिति न बने और आपसी विश्वास भी बना रहे। अन्यथा किसी भी कार्रवाई के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। अब महज एक रुपये की माचिस के लिए इतना कड़ा विभागीय नोटिस जारी करना। विभाग की जमकर फजीहत करा रहा है।
मुठभेड़ में इनामी बदमाश ढेर, वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें- दरअसल विभागीय नोटिस की भाषा बिलकुल सरकारी है। उसमें दिनांक 23 जनवरी को माचिस लेने का जिक्र और उसमें बाकायदा 19 तीलियां थीं ये भी लिखा है। जो मॉर्टीन जलाने के लिए रखी गई थी। नोटिस में कार्यालय सहायक मोहित को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि विभाग में कार्य का बोझ बढ़ने के कारण देर रात तक काम निपटाया जा रहा है। 23 जनवरी को आपके द्वारा 8 बजकर 40 बजे एक माचिस मांगी गई थी, जिसे मॉर्टीन सुलगाने के लिए रखा गया था, लेकिन खेद का विषय है कि 1 फरवरी तक भी आपके द्वारा माचिस नहीं लौटाई गई। इसके चलते रात बेरात बिजली जाने पर परेशानी हो रही है। इसलिए आपको निर्देशित किया जाता है कि पत्र प्राप्ति के 3 दिन के अंदर उक्त माचिस वापस करना सुनिश्चत करें, ताकि भविष्य में कोई विवाद की स्थिति न बने और आपसी विश्वास भी बना रहे। अन्यथा किसी भी कार्रवाई के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। अब महज एक रुपये की माचिस के लिए इतना कड़ा विभागीय नोटिस जारी करना। विभाग की जमकर फजीहत करा रहा है।
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शोक पूरा करने के लिए करते थे ऐसा काम, वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें-
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ये बात जब उच्च अधिकारियों को बताई गई तो जानकारी से इनकार कर दिया। जब सुशील कुमार से इस संबंध में बात की गई तो वे सीधे मुकर गए और कहा किसी ने मजाक किया है। लेकिन, इस नोटिस को लेकर पूरे महकमे में चर्चा और विभाग की फजीहत को लेकर बात हो रही है। अधिकारी अब किसी की शरारत बताकर अपनी बात छिपा रहे हैं। लेकिन, जो शब्दावली इस्तेमाल की गई और जिन अधिकारियों और कर्मचारियों का नोटिस में जिक्र है। वे बाकायदा विभाग में तैनात हैं।