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इस वजह से दी पत्नी उधार
भोजपुर नगर पंचायत की चेयरमैन रहमत जहां दो पतियों के बीच विवादों में फंस गयी हैं। उत्तराखण्ड के रहने वाले नसीम अहमद का आरोप है कि रहमत जहां उसकी पत्नी है और इससे उसके दो बच्चे भी हैं। नसीम अहमद के मुताबिक मुरादाबाद के भोजपुर के रहने वाले शफ़ी अहमद उर्फ़ बाबू से उसकी पुरानी दोस्ती थी। दोनों का एक दूसरे के घर आना जाना था। शफ़ी अहमद 2012 से 2017 तक मुरादाबाद की भोजपुर नगर पंचायत के चेयरमैन थे। इस दौरान जब नवम्बर 2017 में भोजपुर नगर पंचायत के चुनाव शुरू हुए तो सीट पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हो गयी। शफ़ी अहमद सामान्य जाति के हैं।
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इसलिए वो चुनाव नहीं लड़ सकते थे। लिहाजा उन्होंने अपने दोस्त नसीम अहमद से कहा कि वो अपनी पत्नी रहमत जहां जोकि पिछड़ी जाति से हैं। उन्हें भोजपुर नगर पंचायत के चेयरमैन पद के लिए चुनाव में खड़ा कर दे। इस पर नसीम अहमद ने कहा कि उसकी इतनी हैसियत नहीं है कि वो चुनाव लड़ा सके। इस पर शफ़ी अहमद ने अपनी दोस्ती का वास्ता देते हुए नसीम अहमद से कहा कि तुम अपनी पत्नी चुनाव में 15-20 दिन के लिए मुझे उधार दे दो। मैं इसे चुनाव में खड़ा कर दूंगा और जीत जाने पर वापस आपके पास भेज दूंगा। उसके बाद जब कभी मीटिंग में जाने की जरूरत होगी तो रहमत जहां को ले जाया करूंगा या उससे यहीं से हस्ताक्षर कराके ले जाया करूंगा।
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इतने दिनों के लिए मांगी थी पत्नी
चुनाव में खड़ा होने के लिए रहमत जहां को कागजों में मेरी पत्नी दर्शाना होगा इसलिए कुछ कागज तैयार कराने पड़ेंगे जो मैं करा लूंगा। नसीम अहमद शफी अहमद की बातों में आ गया और दोस्त होने के भरोसे में उसने अपनी पत्नी शफी अहमद को बीस दिन के लिए उधार दे दी।
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जिसके बाद रहमत जहां ने शफी अहमद की पत्नी के रूप में भोजपुर नगर पंचायत का चुनाव लड़ा और वो चुनाव जीत गयीं। रहमत जहां को भोजपुर नगर पंचायत का चेयरमैन बने हुए आठ महीने हो गये हैं। नसीम अहमद के मुताबिक रहमत जहां चुनाव जीतने के बाद एक दिन उसके घर आई थीं और तब सब गांव वालों ने हार व मालाएं पहना कर रहमत जहां और नसीम अहमद का स्वागत किया था। जिसकी तस्वीरें नसीम अहमद के पास हैं, लेकिन अब ये तस्वीरें यादगार बन गयी हैं और रहमत जहां पत्नी बनकर शफ़ी अहमद के पास ही रह रही हैं। इसलिए नसीम अहमद ने उत्तराखंड के जसपुर की अदालत में शिकायत कराते हुए मांग की है कि उसकी पत्नी उसे वापस दिलाई जाये।
जिसके बाद रहमत जहां ने शफी अहमद की पत्नी के रूप में भोजपुर नगर पंचायत का चुनाव लड़ा और वो चुनाव जीत गयीं। रहमत जहां को भोजपुर नगर पंचायत का चेयरमैन बने हुए आठ महीने हो गये हैं। नसीम अहमद के मुताबिक रहमत जहां चुनाव जीतने के बाद एक दिन उसके घर आई थीं और तब सब गांव वालों ने हार व मालाएं पहना कर रहमत जहां और नसीम अहमद का स्वागत किया था। जिसकी तस्वीरें नसीम अहमद के पास हैं, लेकिन अब ये तस्वीरें यादगार बन गयी हैं और रहमत जहां पत्नी बनकर शफ़ी अहमद के पास ही रह रही हैं। इसलिए नसीम अहमद ने उत्तराखंड के जसपुर की अदालत में शिकायत कराते हुए मांग की है कि उसकी पत्नी उसे वापस दिलाई जाये।
रहमत जहां अब नहीं जाना चाहतीं
जब टीम पत्रिका ने रहमत जहां से इस मामले में बात की तो रहमत जहां ने हंसते हुए कहा कि क्या कोई अपनी पत्नी को किसी को उधार देता होगा? नसीम अहमद झूठ बोल रहे हैं। वो मेरे पहले पति थे लेकिन 2011 में ही मेरा उनसे तलाक हो चुका है और अब मैं शफ़ी अहमद की पत्नी हूं और यहां की चैयरमैन हूं। मैं अपनी मर्ज़ी से अपनी ज़िन्दगी जी रही हूं और मैं यहां खुश हूं। इस वक़्त शफ़ी अहमद की रहमत जहां सहित तीन पत्नियां हैं। शफ़ी अहमद नगर पंचायत के दफ्तर में रहमत जहां के साथ ही बैठे थे लेकिन उन्होंने कैमरे पर बोलने से मना कर दिया। वहीं नसीम अहमद का आरोप है कि शफ़ी अहमद उसे धमकियां दे रहा है कि अगर उसने पत्नी वापस मांगी तो वो उसे जान से मरवा देगा।
जब टीम पत्रिका ने रहमत जहां से इस मामले में बात की तो रहमत जहां ने हंसते हुए कहा कि क्या कोई अपनी पत्नी को किसी को उधार देता होगा? नसीम अहमद झूठ बोल रहे हैं। वो मेरे पहले पति थे लेकिन 2011 में ही मेरा उनसे तलाक हो चुका है और अब मैं शफ़ी अहमद की पत्नी हूं और यहां की चैयरमैन हूं। मैं अपनी मर्ज़ी से अपनी ज़िन्दगी जी रही हूं और मैं यहां खुश हूं। इस वक़्त शफ़ी अहमद की रहमत जहां सहित तीन पत्नियां हैं। शफ़ी अहमद नगर पंचायत के दफ्तर में रहमत जहां के साथ ही बैठे थे लेकिन उन्होंने कैमरे पर बोलने से मना कर दिया। वहीं नसीम अहमद का आरोप है कि शफ़ी अहमद उसे धमकियां दे रहा है कि अगर उसने पत्नी वापस मांगी तो वो उसे जान से मरवा देगा।