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पुराने कार्यकर्ताओं को सम्मान
दरअसल इस बदलाव के जरिये मायावती कार्यकर्ताओं को ये सन्देश भी देना चाहती हैं कि समर्पित कार्यकर्ताओं के लिए अभी भी पार्टी में उचित स्थान है। वरना कुछ दिनों पहले तक मायावती की भी परिवारवाद लेकर आलोचना हो रही थी। क्यूंकि उन्होंने अपने भाई आनंद को पार्टी का उपाध्यक्ष्य नियुक्त किया था। लेकिन अब उन्हें इस पद से खुद मायावती ने हटा दिया है।
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मायावती के साथ शुरू से पार्टी में जुड़े हैं
वीर सिंह मुरादाबाद के रहने वाले हैं। शुरू से ही वे काशीराम और मायावती की टीम में रहे,पार्टी में उनके पास अलग अलग जिम्मेदारियां भी रहीं। फिर पार्टी ने उन्हें राजयसभा भी भेजा। मुरादाबाद मंडल में वीर सिंह अकेले ऐसे नेता हैं जिन्होंने मायावती के साथ पार्टी शुरुआत वेस्ट यूपी में की। इसलिए उन्हें बसपा सुप्रीमों का सबसे खासमखास सिपहसालार भी कहा जाता है। बसपा में विपरीत परिस्थितियों में भी वीर सिंह ने पार्टी नहीं छोड़ी। अब यही माना जा रहा है कि उनकी वफ़ादारी का ही इनाम बसपा सुप्रीमों ने उन्हें दिया है। वीर सिंह के नेशनल कोआर्डिनेटर बनने के बाद स्थानीय पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में ख़ुशी की लहार है। निश्चित रूप से अब बसपा और मजबूत होकर निखरेगी। क्यूंकि इस इलाके में वीर सिंह की ख़ासा पकड़ भी है। वहीँ महारष्ट्र प्रभारी के रूप में राष्ट्रीय अनुभव भी हासिल है। जिसका लाभ बसपा को मिलेगा।
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इस नेता को भी मिली जिम्मेदारी
वीर सिंह के साथ ही मायावती ने एक और लीडर जयप्रकाश सिंह को वीर सिंह के साथ ही नेशनल कोआर्डिनेटर नियुक्त किया है। इसके अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष्य रामअचल राजभर को भी राष्ट्रीय महासचिव बनाकर मायावती ने दूरगामी सन्देश दिया है।