मुरादाबाद

Jammu-Kashmir से अनुच्छेद 370 हटने पर कश्मीरी पंडितों का छलका दर्द, बोले रातों-रात हो गए थे बेघर

मुख्य बातें

बड़ी संख्या में विस्थापित परिवार शहर में रह रहे
अनुच्छेद 370 हटने पर सरकार को दिया धन्यवाद
फिर घाटी में लौटने की जगी उम्मीद

मुरादाबादAug 06, 2019 / 11:04 am

jai prakash

मुरादाबाद: सोमवार को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष राज्य दर्जा समाप्त करते हुए, वहां से अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने के ऐलान जैसे ही संसद में किया। उसके बाद जहां कांग्रेस समेत कश्मीरी सियासी दलों ने इस पर तीखा विरोध दर्ज कराया। जबकि सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से बाकि देश में ख़ुशी की लहर दिखी। वहीँ अनुच्छेद 370 हटने पर जम्मू कश्मीर से विस्थापित कश्मीरी पंडितों का भी दर्द छलक आया। उनके मुताबिक सरकार के इस कदम से वाकई सुकून मिला है। शायद हम भी अपने घर वापस लौट पायें। अब तक शरणार्थी की तरह ही वहां जा पाते थे।


रातों-रात छोड़ दिया था घर
महानगर में विस्थापितों की तरह रहने वाले कश्मीरी पंडित रजनीश कौल के मुताबिक ये फैसला सरकारों ने बहुत देर में लिया। आज जब भाजपा ने इस बड़े फैसले को लिया है तो उसका स्वागत करना चाहिए। सरकार को अब वहां विशवास का माहौल पैदा करना चाहिए। उन्होंने बताया कि 90 के दशक में उन्हें रातों-रात घर छोड़ना पड़ा था। बहुत मुश्किलें शुरू में झेलनी पड़ीं थीं। मूल रूप से श्रीनगर निवासी रजनीश कौल अब मुरादाबाद में परिवार समेत रहते हैं और यहीं व्यापार करते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत समय से हम लोग ये मांग कर रहे थे। मोदी सरकार के इस निर्णय से देश में चला आ रहा एक बहुत बड़ा संकट भी दूर हो गया।

बड़ी संख्या में हुए थे विस्थापित
यहां बता दें कि महानगर में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित विस्थापित होकर आये थे और अब यहीं के होकर रह गए। ज्यादातर ने अब अपना व्यापार मकान यहीं बना लिया है। लेकिन अब इस फैसले के बाद उनके मन में अपने वतन वापसी की उम्मीद जगी है।

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