मुरादाबाद/संभल। संभल में आचार्य प्रमोद कृष्णम की तरफ से सोमवार को शुरू होने वाले कल्कि धाम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यहां समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क और संभल के ईदगाह ईमाम सहित तमाम मुस्लिम संगठन कल्कि मंदिर के शिलान्यास के विरोध में खड़े हो गए हैं। इनका कहना है की अगर सोमवार को प्रशासन ने मंदिर निर्माण के लिए इजाजत दी तो वो भी जिले भर में रुकी हुई तमाम मस्जिदों का निर्माण शुरू कर देंगे और कानून व्यवस्था अगर बिगड़ती है तो उसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा। देखें वीडियो… वहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम का कहना है की कल्कि धाम की नींव रखी जा रही है। ये गलतफहमी लोग फैला रहे हैं। कल्कि धाम पिछले 15 सालों से वहां स्थापित है। संभल के जिला अधिकारी का कहना है की मंदिर निर्माण के लिए उनसे कोई इजाजत नहीं ली गई है। कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी और कानून व्यवस्था बनाए रखी जाएगी। संभल में 7 नवम्बर से शुरू हो रहे पांच दिवसीय कल्कि महोत्सव के शुरू होने से पहले ही कल्किधाम के शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कल्किधाम धाम का शिलान्यास करने के लिए सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव पहुचेंगे लेकिन शिलान्यास कार्यक्रम से पहले इस बार मुस्लिम समुदाय ने विरोध जताया है और कल्किधाम के निर्माण को दंगा कराने की साजिश करार देते हुए शहर में कल्किधाम के विरोध में पोस्टर चस्पा किए गए हैं। पांच दिवसीय कल्कि महोत्सव के पहले दिन कल्किधाम का शिलान्यास करने के लिए संभल के ऐचोड़ा कम्बोह गांव में शिवपाल यादव के पहुंचने का कार्यक्रम बताया जा रहा है। कल्किधाम के शिलान्यास को लेकर संभल में मुस्लिम नेता इनाममुर्रहमान की तरफ से पोस्टर लगाए गए है। पोस्टर में कहा कहा गया है कि कल्कि धाम का निर्माण या दंगा कराने की साजिश। इन पोस्टर के चिपकने के बाद से जहां मुस्लिम समुदाय में आचार्य प्रमोद कृष्णम और कल्कि महोत्सव का खासा विरोध शुरू हो गया है। इसके बाद बिना अनुमति कल्किधाम निर्माण की जानकारी मुस्लिम समुदाय और मुस्लिम नेताओं को हुई तो उन्होंने भी इकठ्ठा होकर विरोध जताया है। मुस्लिम समुदाय के लोगों और सपा नेता डॉ शफीकुर्रहमान बर्क और शहर के मुस्लिम धर्म गुरुओं ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। जिसमें कहा गया है कि आचार्य प्रमोद त्यागी ऐचोड़ा कम्बोह में दो सौ करोड़ की लागत से भारतीय संविधान के विरुद्ध कल्कि धाम का निर्माण करना चाहते हैं। जो कि सरासर गलत है। साथ ही कहा गया है कि यहां मस्जिद में मरम्मत कराने में भी विवाद उत्पन्न हो जाता है तो ऐसे हालात में कथित बाबा द्वारा भी कल्कि धाम का शिलान्यास कराने से विवाद उत्पन्न हो सकता है। इसलिए कल्कि धाम का शिलान्यास होने से रोका जाए। वहीं कल्कि धाम के इस विरोध के बाद से संभल जिले का पुलिस प्रशासन भी सख्त है। कल्किधाम के विरोध को लेकर वरिष्ठ सपा नेता डॉ शफीकुर्रहमान का कहना है कि इस मामले को लेकर वह शिवपाल यादव से भी बात करेंगे लेकिन किसी भी हालात में ये काम नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले हम अपनी कौम के साथ है बाद में पार्टी के साथ हैं। लेकिन अगर मुसलमानों पर हमला करने की कोशिश की गई तो हम इसको बर्दाश्त नहीं करेंगे। कल्किधाम के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंच रहे उत्तरप्रदेश सरकार में बीते दिनों तक कैबिनेट मंत्री रहे और फिलहाल सपा में प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के इस कार्यक्रम में आने को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे है। सवाल ये है कि कल्किधाम के निर्माण की अनुमति नहीं है तो फिर शिवपाल यादव बिना अनुमति वाले धार्मिक स्थल का शिलान्यास करने क्यों पहुंच रहे है या फिर कार्यक्रम के संबंध में कोई जानकारी किए बिना ही शिवपाल यादव का कार्यक्रम आनन फानन में जारी कर दिया गया। ऐसे में कहा जा रहा है कि जिस निर्माण की अनुमति नहीं है तो फिर प्रदेश की मौजूदा सरकार के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव इसका शिल्यानस करके कहीं कोई नया राजनीतिक खेल तो नहीं खेल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में चुनाव आने वाले हैं। प्रमोद कृष्णम 2014 में कांग्रेस के टिकट पर यहां से लोक सभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस और सपा नेताओं के इस कार्यक्रम से यूपी के चुनावी माहौल में कल्कि मंदिर मुद्दा न बन जाए।