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रेलवे में अब इन को भी मिल सकेगी नौकरी आैर सारे फायदे
आप को बता दें कि रेलवे कर्मचारी के द्वारा पहली पत्नी को बिना तलाक दिए ही दूसरी शादी करने या एक साथ दो शादियां करने पर एक ही पत्नी आैर बच्चों को लाभ मिलता था। इतना ही नहीं रेलवे कर्मचारी की मौत के बाद रेलवे की तरफ से उसकी पहली पत्नी व एक बच्चे को नौकरी भी दी जाती थी। जबकि दूसरी पत्नी या उसकी संतानों को नौकरी नहीं दी जाती थी। इसके साथ ही उन्हें आैर भी दूसरे फायदों का लाभ नहीं दिया जाता था। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार देश में एेसे लगभग दस हजार से भी ज्यादा मामले में है। जिनमें रेलवे कर्मचारियों की मौत के बाद उनकी दूसरी पत्नी आैर संतान को रेलवे की तरफ से नौकरी तो दूर कोर्इ सुविधा तक मुहैया नहीं करार्इ जाती थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने कैट के आदेश पर लगार्इ मुहर
इस मामले में अपील के बाद केंद्रिय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल कैट रेलवे कर्मचारी की मौत के बाद दूसरी पत्नी की संतान को पिता के स्थान पर नौकरी आैर सभी सुविधा देने का आदेश दिया था।कैट के इस आदेश के खिलाफ रेलवे बोर्ड अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।अब सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे के तर्क को खारिज कर दिया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में साफ कहा कि पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी से पैदा होने वाली संतान को पिता के अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता है।
फैसला आने के बाद लागू किया आदेश
रेलवे बोर्ड के निदेशक इस्ट (एन) आइ नीरज कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद 21 मई 2018 को एक पत्र जारी कर कैट के आदेश को रेलवे में लागू कर दिया है। साथ ही दो जनवरी 1992 के उस सर्कुलर को रद कर दिया। जिसमें दूसरी पत्नी के बच्चों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने से लेकर अन्य सुविधाआें पर रोक थी। मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि रेलवे बोर्ड का आदेश मिल गया है।