जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल एसपी जीआरपी अपर्णा गुप्ता को बचपन बचाओ एनजीओ की ओर से एक ईमेल प्राप्त हुआ। इस ईमेल में उन्हें बताया गया कि बिहार से एक ट्रेन पंजाब जा रही है जिसमें करीब 50 बच्चे मौजूद हैं। इन बच्चों को बाल श्रम के लिए पंजाब ले जाया जा रहा है। इस ईमेल में ह्यूमन ट्रैफिकिंग की भी आशंका जताई गई थी। इस सूचना पर एसपी जीआरपी ने तुरंत सूचना प्रसारित कराई और ट्रेन में चेकिंग के लिए कहा लेकिन ट्रेन सात स्टेशन पार कर गई। सीतापुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की चेकिंग की गई लेकिन यहां सिर्फ 16 बच्चों को ही उतारा गया। इसके बाद ट्रेन को ट्रैक करके मुरादाबाद में एक संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया गया जिसमें खुद एसपी जीआरपी मौजूद रही। यहां पर करीब 40 मिनट तक ट्रेन की चेकिंग की गई। हर बोगी की चेकिंग करने के बाद कुल 82 लोगों को ट्रेन से नीचे उतार लिया गया।
दरअसल एसपी जीआरपी अपर्णा गुप्ता को बचपन बचाओ एनजीओ की ओर से एक ईमेल प्राप्त हुआ। इस ईमेल में उन्हें बताया गया कि बिहार से एक ट्रेन पंजाब जा रही है जिसमें करीब 50 बच्चे मौजूद हैं। इन बच्चों को बाल श्रम के लिए पंजाब ले जाया जा रहा है। इस ईमेल में ह्यूमन ट्रैफिकिंग की भी आशंका जताई गई थी। इस सूचना पर एसपी जीआरपी ने तुरंत सूचना प्रसारित कराई और ट्रेन में चेकिंग के लिए कहा लेकिन ट्रेन सात स्टेशन पार कर गई। सीतापुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की चेकिंग की गई लेकिन यहां सिर्फ 16 बच्चों को ही उतारा गया। इसके बाद ट्रेन को ट्रैक करके मुरादाबाद में एक संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया गया जिसमें खुद एसपी जीआरपी मौजूद रही। यहां पर करीब 40 मिनट तक ट्रेन की चेकिंग की गई। हर बोगी की चेकिंग करने के बाद कुल 82 लोगों को ट्रेन से नीचे उतार लिया गया।
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