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Exclusive: प्लेन हाइजैक हो चुका है आपमें से कोई एक्शन में न आए यही नहीं एयरलाइन्स कंपनियों को सरकार रियायतें भी देगी। वैसे भी यहां के पीतल निर्यातक लम्बे समय से मुरादाबाद में एयरपोर्ट की मांग कर रहे थे। इससे उनका कारोबार बढ़ेगा क्योंकि अब तक बायर्स सड़क मार्ग से आना ज्यादा पसंद नहीं करते थे। अब एयरपोर्ट से कनेक्टिविट बढ़ जाएगी जिससे कारोबार में बढ़ोत्तरी की उम्मीदें जाग गयी हैं। दरअसल मुरादाबाद की भदासना हवाई पट्टी पर अभी केवल राजकीय विमान ही उतरते हैं। जानकारों के मुताबिक संभावना जताई जा रही है कि एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं विकसित कर इसे जल्द ही हवाई सेवा के लिए चालू किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार इसके लिए विशेष पैकेज भी दे रही है। एयरपोर्ट तक बेहतरीन सड़क और सुरक्षा का वादा राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। पहले चरण में आगरा और कानपुर का एयरपोर्ट चालू होगा उसके बाद मुरादाबाद व अन्य जगहों के।
Exclusive: प्लेन हाइजैक हो चुका है आपमें से कोई एक्शन में न आए यही नहीं एयरलाइन्स कंपनियों को सरकार रियायतें भी देगी। वैसे भी यहां के पीतल निर्यातक लम्बे समय से मुरादाबाद में एयरपोर्ट की मांग कर रहे थे। इससे उनका कारोबार बढ़ेगा क्योंकि अब तक बायर्स सड़क मार्ग से आना ज्यादा पसंद नहीं करते थे। अब एयरपोर्ट से कनेक्टिविट बढ़ जाएगी जिससे कारोबार में बढ़ोत्तरी की उम्मीदें जाग गयी हैं। दरअसल मुरादाबाद की भदासना हवाई पट्टी पर अभी केवल राजकीय विमान ही उतरते हैं। जानकारों के मुताबिक संभावना जताई जा रही है कि एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं विकसित कर इसे जल्द ही हवाई सेवा के लिए चालू किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार इसके लिए विशेष पैकेज भी दे रही है। एयरपोर्ट तक बेहतरीन सड़क और सुरक्षा का वादा राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। पहले चरण में आगरा और कानपुर का एयरपोर्ट चालू होगा उसके बाद मुरादाबाद व अन्य जगहों के।
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मुरादाबाद में सर्वे एजेंसी और स्थानीय अधिकारियों की रिपोर्ट पहले से ही फाइनल है। इसलिए इस पर ज्यादा मंथन नहीं करना पड़ेगा क्योंकि उत्तराखंड का बॉर्डर होने के कारण पर्यटन स्थल की दृष्टि से कई प्राइवेट कम्पनियां भी यहां अपनी एयरलाइन्स शुरू करना चाहती हैं। मुरादाबाद से जिम कार्बेट नेशनल पार्क और नैनीताल सड़क मार्ग से मात्र दो से तीन घंटे की ही दूरी पर हैं।
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