महिलाओं को सम्मान के लिए लड़ना पड़ता है
जयाप्रदा ने कहा कि सीता मइया को भी 14 साल का इंतजार करना पड़ा था। जमाना बदल गया है, लेकिन महिलाओं के लिए सम्मान की लड़ाई लड़नी हो तो संघर्ष और इंतजार तो करना ही पड़ता है। लेकिन, मैं हार मानने वाली नहीं हूं। मेरे ऊपर अभद्र टिप्पणी करने वाले आजम खान और 6 चेलों, उनके बेटे अब्दुल्ला और मुरादाबाद के पूर्व सांसद एसटी हसन को ये सिखाकर रहूंगी कि महिलाओं का सम्मान कैसे किया जाता है। यह भी पढ़ें