बीजेपी नेता और उनके बेटे के खिलाफ मुकदमा- केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी की कर्म भूमि रामपुर में सब कुछ ठीक-ठाक नही चल रहा है। बीजेपी नेता दलीप सक्सेना पर गंभीर आरोप लगे हैं। दरअसल रामपुर में सरकारी कर्मचारी से मारपीट करने और जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने के आरोप में बीजेपी के पूर्व जिला मंत्री दिलीप सक्सेना फंस गए हैं। कर्मचारी की शिकायत पर सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने बीजेपी नेता और उनके बेटे समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
जातिसूचक शब्द से अपमानित करने का आरोप- जानकारी के मुताबिक मुकदमा रामपुर विकास प्राधिकरण में तैनात एक कर्मचारी ने दर्ज कराई है। उसके मुताबिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हरद्वारी लाल एक जून को बीजेपी नेता दिलीप सक्सेना के घर नोटिस लेकर गया था। लेकिन वह घर नहीं मिले, जिसके बाद उन्होंने प्राधिकरण आकर ही नोटिस लेने की बात कही। कुछ दिन बात वह अपने बेटे के साथ कार्यालय आए और अपशब्दों का प्रयोग करते हुए जातिसूचक शब्द से अपमानित किया। जिसके बाद उसने पुलिस को शिकायती पत्र भेज कर कार्रवाई की मांग की जिसके बाद पुलिस ने अब मुकदमा दर्ज किया है।
दिलीप सक्सेना ने आरोपों को बताया राजनीतिक साजिश- वहीं बीजेपी नेता ने सभी आरोपों से इनकार कर दिया है उनका कहना है कि उन्हें मामले में फंसाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने प्राधिकरण में व्यापत भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले थे। दिलीप सक्सेना का कहना है कि मेरे पर लगाये गए आरोप निराधार हैं। पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना उर्फ हनी की शह पर यह कार्रवाई की गई है। जो मेरे पुराने राजनीतिक दुश्मन हैं। इसके साथ ही बीजेपी नेता ने अपनी हत्या की भी आशंका जताई है और गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी सुरक्षा की मांग की। दिलीप सक्सेना ने आरोपों की जांच किसी सक्षम अधिकारी द्वारा कराए जाने की मांग की है। आपको बता दें कि बीजेपी नेता ज़िले के नगर मंत्री, किसान मोर्चा ज़िला उपाध्यक्ष, युवा मोर्चा के जिला महा मंत्री, समेत कई पदों पर रहकर बीजेपी के साथ लंबे समय से जुड़े हुए हैं। दिलीप सिंह बीजेपी के टिकट पर 2012 में नगर पालिकाध्यक्ष का चुनाव भी लड़े थे।