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किसान नहीं संतुष्ट
किसान नेताओं ने मांग की है कि सरकार को पैदावार की खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाकर समस्त फसल खरीदने पर जोर देना चाहिए। किसान नेताओं ने ये भी ऐलान किया है कि अगर एक हफ्ते में खरीद केंद्र चालू नहीं हुए तो सड़कों पर उतरकर आन्दोलन होगा। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह रंधावा ने कहा कि खाद, डीजल और बिजली के दाम मनमाने तरीके से बढाए जा रहे हैं। समर्थन मूल्य के नाम पर किसानों को धोखा दिया गया। फसल की कीमत किसानों के पसीने की कमाई है कोई भीख नहीं है।
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सरकार ने पूरा नहीं किया अपना वादा
इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन असली के राष्ट्रिय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह ने कहा कि सरकार ने समर्थन मूल्य के लिए अपना ही मानक पूरा नहीं किया। ये किसानों के साथ छल है। जल्द ही आन्दोलन होगा। वहीँ वरिष्ठ किसान नेता ऋषिपाल सिंह ने कहा कि सरकार की उपेक्षा से किसानों का खेती से मोह भंग होता जा रहा है। इस मूल्य वृद्धि को उन्होंने दिखावा बताया और कहा कि सरकार की सोच में किसान हैं ही नहीं।
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ये है मूल्य वृद्धि
धान का अब मूल्य 1770 है जबकि पुराना 1590 और 1500 था जबकि किसान इसके लिए 2250 रूपये प्रति कुंतल की मांग कर रहे थे। इसी तरह ही खरीफ फसलों में शुमार मक्का और बाजरा में मूल्य वृद्धि के बाद भी कीमत अभी चार से पांच सौ रूपये कम है।
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सिर्फ दिखावा है वृद्धि
किसानों का स्पष्ट कहना है कि सरकार से जो मांग की गयी थी उसके हिसाब से मूल्य वृद्धि नहीं की गयी है। ये सिर्फ अपने चुनावी लाभ के लिए बढाया गया है।