Exclusive- UP Board के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, इस पेपर में किसी ने भी नहीं की नकल
दमकल की गाड़ी के इंतजार में जल गया आशियाना, रोड पर आ गया परिवार
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कुन्दरकी कस्बे के किसान स्वर्गीय काजी अफरोज की बेटी इल्मा शुरू से ही पढने लिखने में आगे रहीं। जब इल्मा के पिता किन मौत हुई तो उनकी उम्र महज 14 साल थी। उनकी मां सुहैला परवीन ने कभी पिटा की कमी नहीं खलने दी और हर मुमकिन कोशिश अपने बच्चों को पढ़ाने में लगा दी। दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से दर्शनशास्त्र की पढाई के बाद इल्मा आगे की पढाई के लिए उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पढाई की। उन्होंने इस दौरान आईएफएमआर स्कोलरशिप और कंटेम्पररी साउथ एशियाई स्टडीज जैसे अवार्ड भी मिले।
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UP Board Result 2018: इस तरह करें आप टॉपर्स की काॅपियों से अपने उत्तरों को चेक, पता चल जाएगी गलती ऑक्सफ़ोर्ड के बाद इल्मा यूनाइटेड नेशंस के साथ जुड़ गयीं वहां उन्हें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की सचिव के रूप में काम करने का भी मौका मिला। लेकिन इल्मा ने अपने गांव कुन्दरकी से रिश्ता कभी खत्म नहीं किया। यही नहीं वे गरीब बच्चों के लिए होप नामक एक एनजीओ भी संचालित कर रही हैं।
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मिलिए सिविल सर्विस में 25वीं रैंक के इस युवक से अब सिविल सर्विस में चयन के बाद इस तरह के काम को आगे बढाती रहेंगी। फ़िलहाल उनके परिवार में ख़ुशी की लहर है। आस पड़ोस के साथ तमाम लोग उन्हें बधाईयां देने पहुंच रहे हैं। परिवार को भरोसा है कि इल्मा बतौर पुलिस अधिकारी भी एक नयी मिसाल समाज के सामने पेश करेंगी।
मिलिए सिविल सर्विस में 25वीं रैंक के इस युवक से अब सिविल सर्विस में चयन के बाद इस तरह के काम को आगे बढाती रहेंगी। फ़िलहाल उनके परिवार में ख़ुशी की लहर है। आस पड़ोस के साथ तमाम लोग उन्हें बधाईयां देने पहुंच रहे हैं। परिवार को भरोसा है कि इल्मा बतौर पुलिस अधिकारी भी एक नयी मिसाल समाज के सामने पेश करेंगी।