अच्छी खबर: हिमाचल, हरियाणा और उत्तराखंड से सटे यूपी के इस जिले में जल्द बनेगा एयरपाेर्ट
ये है मामला
यहाँ बता दें कि ये मामला 2009 का है, तत्कालीन प्रदेश सरकार से डा. जाकिर अली मेमोरियल ट्रस्ट को 71 लाख रुपये के उपकरण दिव्यांगों को बांटने के लिए दिए गए थे। मुरादाबाद में भी संस्था को कैंप लगाकर दिव्यांगों को ट्राईसाइकिल आदि बांटने के लिए ढाई लाख रुपये मिले थे। आरोप है कि संस्था ने यह उपकरण नहीं बांटकर सरकारी की रकम हड़प ली। इस मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई पर पूरा मामला 2017 के बाद सामने आया।
मार्केट में महिला को अपना सूट पहने देख चकराया सैनिक की पत्नी सिर, फिर खुला राज
कोर्ट ने खारिज कर दी याचिका
शुक्रवार को कोर्ट में लुईस खुर्शीद और संस्था के मैनेजर फारूकी की ओर से राहत के लिए जग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की गई। शुक्रवार को जिला जज शशिकांत शुक्ला कोर्ट में जमानत अर्जी दी। पर कोर्ट ने एडीजे (पांच)अनिल कुमार की कोर्ट में ट्रांसफर कर दी।
Big News: बीजेपी में मचा घमासान, सांसद ने कामों का किया बखान तो बीजेपी विधायक ने उठा दिए सवाल
जमानत देने से इनकार
स्थानीय अधिवक्ता इमरान आदि ने तर्क दिए पर कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया। कांग्रेस से जुड़े नेता अधिवक्ता इमरान का कहना है कि तब मुरादाबाद में उपकरण बांटे गए थे जिसे जिला विकलांग अधिकारी भी मानते है। जबकि दिव्यांगों को उपकरण के बांटने में दर्ज एफआईआर में लुईस खुर्शीद का नाम नहीं था। पर बाद में तफ्तीश में उनका नाम जोड़ा गया। शुक्रवार को अग्रिम जमानत अर्जी रद होने से होने के बाद उन्होंने कहा कि वे अब हाईकोर्ट जाएंगे। बता दें कि उस वक्त ये मामला खूब सुर्ख़ियों में रहा था, जाकिर ट्रस्ट की जांच के भी आदेश दिए गए थे। जिनमें कमियां मिलने के बाद कई केस दर्ज हुए थे।