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Azam khan की राजस्व बोर्ड से दूसरी याचिका खारिज, जब्त होंगी जमीनें शासकीय अधिवक्ता कृष्णकांत ने बताया कि 2007 में मुरादाबाद के छजलैट थाना क्षेत्र में सपा के मौजूदा सांसद आजम खान की कार रोकने को लेकर विवाद हो गया था। उस दौरान सपा नेताओं ने रोड जाम करते हुए पुलिस का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया था। उस मामले में पुलिस ने सपा विधायक समेत नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिनमें सांसद आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम का नाम भी शामिल है। उसी मामले में बुधवार की सुबह करीब 11 बजे कोर्ट में विधायक मनोज पारस ने सरेंडर किया था। साथ ही जमानत अर्जी भी दाखिल की थी, लेकिन कई घंटे कटघरे में खड़े रहने के बावजूद उन्हें जमानत नहीं मिली।
इस दौरान अधिवक्ता की तरफ से यह भी कहा गया कि विधायक मनोज पारस लूज मोशन के चलते तारीख पर हाजिर नहीं हो सके थे। इसके बाद भी कोर्ट के विशेष न्यायधीश अनिल कुमार वशिष्ठ ने सपा विधायक मनोज पारस के सरेंडर करने के बाद उनके वारंट को निरस्त करते हुए उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए। बता दें कि पूर्व में समाजवादी पार्टी की सरकार में नगीना से विधायक मनोज पारस स्टाम्प एवं निबंधन विभाग के मंत्री रह चुके हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में वे नगीना से सपा के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।