मुरादाबाद के रतूपुरा निवासी सर्वेश सिंह को विरासत में मिली थी सियासत
मुरादाबाद जिले की ठाकुरद्वारा तहसील क्षेत्र के रतूपुरा गांव निवासी सर्वेश सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1952 हुआ था। उन्होंने 26 मई 1983 को कुंवरानी साधना सिंह से शादी की थी। उनकी एक बेटी और एक बेटा है। पूर्व सांसद और मुरादाबाद लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी सर्वेश सिंह के पिता रामपाल सिंह 1962 से 1989 तक सक्रिय राजनीति में रहे। वह चार बार ठाकुरद्वारा से विधायक और एक बार अमरोहा से सांसद चुके गए थे। पिता से राजनीति के गुर सीखने के बाद कुंवर सर्वेश सिंह साल 1991 में सक्रिय राजनीति में आए। तब भाजपा के टिकट पर अपनी पैतृक सीट यानी ठाकुरद्वारा से वह चुनाव लड़े और विधायक बन गए। इसके बाद 2007 तक सर्वेश सिंह इस सीट पर विधायक रहे। यह भी पढ़ेंः
पीएम मोदी, सीएम योगी और मायावती एक साथ करेंगी वार-पलटवार, यूपी में 22 अप्रैल को चढ़ेगा सियासी पारा कुंवर सर्वेश सिंह का शानदार रहा है राजनीति सफर
2007 में इस सीट पर बसपा के विजय यादव ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद सर्वेश सिंह ने 2009 में लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन वह मोहम्मद अजहरुद्दीन से हार गए थे। उन्होंने 2012 में फिर से ठाकुरद्वारा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें भाजपा ने फिर मुरादाबाद लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। इस बार उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. एसटी हसन को 87,504 वोटों के अंतर से हराया था।
साल 2019 में भाजपा ने उन्हें फिर मुरादाबाद लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया, लेकिन बसपा-सपा गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. एसटी हसन से वह चुनाव हार गए। अब 2024 में भाजपा ने चौथी बार सर्वेश सिंह को मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। मौत से एक दिन पहले 19 अप्रैल को ही मुरादाबाद में मतदान हुआ था। इसमें सर्वेश सिंह ने भी मतदान किया। इसके बाद उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। सर्वेश सिंह के बेटे सुशांत सिंह बढ़ापुर विधानसभा से भाजपा के विधायक हैं।
सीएम योगी ने सर्वेश को दिया ‘टाइगर’ का खिताब
भाजपा के कद्दावर नेता सर्वेश सिंह को सीएम योगी ने ‘टाइगर’ का खिताब दिया था। उन्होंने भरे मंच से हमेशा सर्वेश सिंह को ‘टाइगर’ कहकर संबोधित किया। सीएम योगी ने बीते 16 मार्च को मुरादाबाद में जनसभा की थी। इस दौरान मुरादाबाद में सीएम योगी ने गुरु जंभेश्वर राजकीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास भी किया था। यह भी पढ़ेंः
लोकसभा चुनाव के बीच काशी में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने किया धर्मशाला का भूमिपूजन, कांग्रेस ने बताया आचार संहिता का उल्लंघन उस समय मंच पर सर्वेश सिंह भी मौजूद थे। सीएम ने भाषण के दौरान चुटकी लेते हुए कहा “ये लगते तो बाघ जैसे हैं लेकिन जब भी मिलते थे तो मुरादाबाद में यूनिवर्सिटी की बात करते थे। मैंने कहा कि भाई आपको शिक्षा से क्या काम तो इन्होंने कहा कि मुरादाबाद में विश्वविद्यालय होना चाहिए। यहां के लोगों की जरूरत है।”
सीएम योगी ने जनसभाओं में मंच से सर्वेश सिंह को कहा ‘बब्बर शेर’
इससे पहले साल 2022 में विधानसभा चुनाव के समय ठाकुरद्वारा में सीएम योगी की जनसभा थी। वहां भी योगी ने सर्वेश को मंच से बब्बर शेर कहकर पुकारा था। हाल ही में 13 अप्रैल को सीएम ने मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र के बढ़ापुर में जनसभा की। सीएम योगी भाषण की शुरुआत में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के नाम ले रहे थे। इसी बीच उन्होंने कहा “मुरादाबाद लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी टाइगर कुंवर सर्वेश सिंह” यह शब्द सुनकर भीड़ ने हाथ उठाकर उनका समर्थन किया था। वहां सीएम ने मुरादाबाद में विश्वविद्यालय और बिजनौर में मडिकल कॉलेज का भी जिक्र किया। सीएम योगी बोले थे “टाइगर के क्षेत्र में आएंगे तो टाइगर जैसा कार्य भी करेंगे। हम अमानगढ़ में भी ईको टूरिज्म का विश्व स्तरीय सेंटर भी बनने जा रहे हैं।”
ठाकुरद्वारा सीट पर जीत का इतिहास बना गए सर्वेश सिंह
ठाकुरद्वारा विधानसभा सीट से भाजपा अंतिम बार 2012 में जीती थी। तब सर्वेश सिंह विधायक चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने 2014 लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए। तब उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद से ठाकुरद्वारा सीट पर उपचुनाव हुए लेकिन भाजपा के प्रत्याशी राजपाल सिंह चौहान चुनाव हार गए। यह भी पढ़ेंः
जातिगत जनगणना कराने से डरती है भाजपा सरकार, राहुल-अखिलेश ने अमरोहा में भरी जीत की हुंकार इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को हार मिली। 2022 में भाजपा ने इस सीट पर अजय प्रताप सिंह को मैदान में उतारा लेकिन वे भी जीत दर्ज नहीं कर पाए। सर्वेश सिंह के बाद यहां से भाजपा का कोई प्रत्याशी नहीं जीत पाया है। रविवार को उनके अंतिम संस्कार के स्थानीय नेताओं ने कहा कि मुरादाबाद की राजनीति में कुंवर सर्वेश सिंह हमेशा याद किए जाएंगे।